बैंक से रिटायर पिता को विदा कराने आए चार आईएएस आईपीएस अफसर
खरी खरी डेस्क
प्रतापगढ़। उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील के रहने वाले अनिल मिश्रा बड़े खुशनसीब पिता कहे जा सकते हैं क्योंकि ग्रामीण बैंक से उनके रिटायरमेंट पर उन्हें विदा कराने तीन आईएएस और एक आईपीएस अफसर पहुंचे थे। भारतीय सेवा के ये चारों अधिकारी उनके बच्चे हैं।
बड़ौदा ग्रामीण बैंक के मैनेजर पद से रिटायर हुए अनिल मिश्रा के चारों बच्चे बडे ओहदों पर हैं। चार भाई बहनों में सबसे बड़े IAS योगेश मिश्रा हैं। इनसे छोटी बहन IPS क्षमा कर्नाटका में पोस्टेड हैं। इनसे छोटी माधवी झारखंड कैडर की IAS हैं। सबसे छोटे लोकेश भी आईएएस हैं। हाल ही में अनिल मिश्रा रिटायर हुए। चारों भाई-बहन पिता को बैंक से विदाई कराने पहुंचे थे। माधवी बताती हैं, चारों भाई-बहन की उम्र में ज्यादा अंतर नहीं है। बचपन में हमारे बीच कभी किसी बात को लेकर अगर नोक-झोंक होती थी, तो हममे कोई एक इसे प्यार में बदलने की जिम्मेदारी उठाता था और समझौता कराता था। वहीं क्षमा बताती हैं, पहले हम जिस मकान में रहते थे, उसमें सिर्फ 2 कमरे थे। अगर कोई मेहमान आ जाता था तो सभी को पढ़ने में काफी प्रॉब्लम होती थी। योगेश बताते हैं, हम सभी ने अपने पैतृक गांव लालगंज में रहकर 12वीं तक की पढ़ाई की। उसके बाद मैं मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक करने के लिए इलाहाबाद चला गया। पढ़ाई पूरी होने के बाद नोएडा में मेरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब लग गई। इस दौरान मैंने तैयारी भी जारी रखी और साल 2013 में IAS बन गया। वो कहते हैं कि क्षमा ने एम.ए. तक की पढ़ाई गांव से ही की। साल 2006 में पास में रहने वाले सुधीर से उसकी शादी हो गई। सुधीर उत्तराखंड में जिला आपूर्ति अफसर थे। उन्होंने बहन को आगे की पढ़ाई जारी रखने पर जोर दिया। साल 2015 में क्षमा का सिलेक्शन डिप्टी SP के पद पर हुआ था, लेकिन 2016 में उसने दोबारा से एग्जाम दिया और IPS बन गई। योगेश कहते हैं, दूसरी बहन माधवी ने लालगंज से ही ग्रैजुएशन किया। इसके बाद इकोनॉमिक्स से पोस्ट ग्रैजुएशन करने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी चली गईं। वहां पढ़ाई पूरी होने के बाद जेएनयू दिल्ली में रिसर्च करने के दौरान ही 2016 में उनका सिलेक्शन IAS में हो गया। सबसे छोटे भाई लोकेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कैमिकल इंजीनयरिंग करने के बाद राजस्थान के कोटा में एक फर्टिलाइजर कंपनी में नौकरी की। साल 2015 में PCS का एग्जाम क्वालीफाई कर BDO बन गया। उसके बाद सिविल सर्विस की परीक्षा दी और 2016 में वो भी IAS हो गए।