बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं सिंधिया के साथ कांग्रेस से आए नेता
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 13 जून। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं ने बीजेपी के लिए मुश्किलें शुरू कर दी हैं। पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह ने तो कांग्रेस में वापसी की तैयारी कर ली है। उन्होंने पार्टी के नोटिस के जवाब में इस्तीफा भेज दिया।
विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आने वाले नेताओं के मुसीबत बनने की आशंका अभी से सताने लगी है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन स्थानों पर सिंधिया समर्थकों ने उपचुनाव में हार मिली थी या जीत पाई थी, वहां से पुराने बीजेपी के नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं।
मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर बीजेपी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है और वह किसी भी सूरत में अपने कार्यकर्ता को नाराज करने के लिए तैयार नहीं है।एमपी में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पिछड़ गई थी और कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी, मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। उपचुनाव में पार्टी ने सभी 22 सिंधिया समर्थकों को मैदान में उतारा, लेकिन इनमें से सात को हार का सामना करना पड़ा। अब यह सातों नेता तो दावेदारी जता ही रहे हैं, वहीं अन्य 15 विधायक भी मैदान में उतरने वाले हैं। इन सभी 22 स्थानों पर पहले से बीजेपी के पुराने नेता अपनी दावेदारी जता रहे हैं क्योंकि इन सभी को साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दल-बदल करने वाले विधायकों के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।बीजेपी इन स्थितियों से वाकिफ है और वह रूठों को मनाने की हर संभव कोशिश कर रही है। वरिष्ठ और जिम्मेदार नेता लगातार अपने पुराने कार्यकतार्ओं और नेताओं से संवाद करने का सिलसिला जारी रखे हुए हैं। साथ ही, उन्हें मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि बीजेपी अपने नाराज और असंतुष्ट लोगों को मनाने में कितना सफल होती है।