प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से लगातार 11 वीं बार झंडा फहराया
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 11वीं बार लाल किले से झंडा फहराकर देश को संबोधित किया। इस बार तिरंगा फहराने के साथ ही नरेंद्र मोदी लाल किले से ध्वजारोहण के मामले में जवाहर लाल नेहरू और इंदिरागांधी के बाद तीसरे प्रधानमंत्री हो गए। नेहरू जी ने 17 बार और इंदिरा जी ने 16 बार लाल किले से झंडा फहराया था।
नरेंद्र मोदी ने 11वीं बार झंडा फहराया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2014 में 26 मई को पद की शपथ ली थी। इसके करीब ढाई महीने बाद ही 15 अगस्त 2014 को पहली बार उन्हें लाल किले से झंडा फहराने और देश को संबोधित करने का अवसर मिला। उसके बाद लगातार हर साल 15 अगस्त को लाल किले से ध्वजारोहण कर रहे हैं। उन्होंने 9 जून 2024 को लगातार तीसरी बार बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और 15 अगस्त को लाल किले से लगातार 11 वीं बार झंडा फहराया।
नेहरू ने 17 बार ध्वजारोहण किया
पंडित जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। लाल किले की प्राचीर से सबसे ज्यादा बार तिरंगा झंडा लहराने का अवसर उन्हें ही मिला था। नेहरू 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर रिकॉर्ड 17 बार झंडा फहराया और इस मामले में वे आज भी पहले नंबर पर हैं।
इंदिरा गांधी ने 16 बार झंडा फहराया
इस मामले में दूसरे नंबर पर भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री और जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी हैं। उन्होंने लाल किले पर 16 बार राष्ट्रध्वज फहराया है।
मनमोहन सिंह को 10 बार मौका मिला
लाल किले पर तिरंगा फहराने के मामले में मोदी के बाद अब चौथे नंबर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं। उन्होंने 10 बार लाल किले पर झंडा फहराया है। वे पहली बार अप्रैल 2004 में पीएम बने थे और पहली बार 15 अगस्त 2004 को ध्वजारहोण किया। इसके बाद 15 अगस्त 2013 को आखरी बार झंडा फहराया। उसके बाद मोदी पीएम बन गए थे।
नंदा और चंद्रशेखर को कभी मौका नहीं मिला
भारतीय इतिहास में दो ऐसे प्रधानमंत्रियों का नाम भी दर्ज है, जिन्हें लाल किला पर तिरंगा फहराने का अवसर ही नहीं मिला। ये थे गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर। गुलजारी लाल नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे थे। पहली बार जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद 27 मई, 1964 को गुलजारीलाल नंदा 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद 11 जनवरी, 1966 को फिर 13 दिन के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। इस प्रकार प्रधानमंत्री के तौर पर उनका पूरा कार्यकाल महज 26 दिनों का ही रहा। गुलजारीलाल नंदा के बाद चंद्रशेखर दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्हें एक बार भी लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराने का अवसर नहीं मिला। वह 10 नवंबर, 1990 से 21 जून, 1991 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे।इस अवधि में स्वाधीनता दिवस नहीं पड़ा।
अटल जी ने 6 बार झंडा फहराया
भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न राष्ट्र बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कुल छह बार लाल किले से तिरंगा झंडा फहराया है। वहीं, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव ने पांच-पांच बार, मोरारजी देसाई ने दो बार और चौधरी चरण सिंह, विश्वनाथ प्रताप सिंह, एचडी देवेगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल ने एक-एक बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया और देश को संबोधित किया।