पचमढ़ी में सरकार का वेलेंटाइन

Feb 11, 2017

सुमन

पर्यटन स्थल हनुमंतिया के बाद शिवराज सरकार पचमढ़ी की वादियों में केबिनेट के बहाने तफरी करने जा रही है। सरकार ने केबिनेट के साथ-साथ पार्टी को भी इससे जोड़ लिया है। पार्टी के सभी विधायकों की क्लास भी पचमढ़ी में लगेगी, इसमें मध्य़प्रदेश के केंद्र सरकार के सभी मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता शामिल होंगे। इसका मौका वेलेंटाइन डे के अवसर पर चुना गया है। इस तरह भाजपा सरकार और संगठन का वेलेटाइन सेलिब्रेशन पचमढ़ी की वादियों में होगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा संगठन और सरकार के बीच बढ़ते मतभेदों को लेकर अब चिंतित दिखलाई पड़ रहे हैं। भाजपा संगठन के कर्ताधर्ता भी इस बात से परेशान हैं कि तमाम कोशिशों के बावजूद आपसी मतभेद कम नहीं हो रहे हैं। सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और संगठन के मुखिया नंदकुमार सिंह चौहान सहित सभी प्रमुखों की चिन्ता इस बात को लेकर है कि 2018 के चुनाव की तैयारियों पर इस मतभेद का असर न पड़े। इसलिए किसी न किसी बहाने संगठन और सरकार दोनों से जुड़े पार्टीजनों को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। इंदौर में पार्टी का अभ्यास वर्ग हो अथवा हनुमंतिया में केबिनेट की बैठक। ऐसे आयोजन इस बात को ध्यान में रख कर किए जा रहे हैं कि मंत्रिय़ों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य बन जाए। इसी के चलते ऐसे आयोजन खास मौकों पर ही किए जा रहे है। मसलन हनुमंतिया की बैठक नर्मदा जयंती के मौके पर आयोजित की गई ताकि एक सेलिब्रेशन भी किया जा सके। इसी तरह इंदौर अभ्यास वर्ग भी आयोजित या गया था। अब मचपढ़ी में अभ्यास वर्ग और प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा केबिनेट की बैठक वेलेंटाइन डे के मौके पर आयोजित की जा रही है।

भारतीय जनता पार्टी आरएसएस की सोच के चलते वेलेंटाइन डे जैसे आयोजनों की विरोधी है लेकिन आम धारणा वेलेंटाइन डे को अब सेलिब्रेशन की ही हो गई है। इसलिए जब भाजपा की सरकार और संगठन के प्रमुख लोग वेलेंटाइन डे के मौके पर मचमढ़ी की वादियों में मिलेंगे तो इसे सेलिब्रेशन ही माना जाएगा। दो दिन चलने वाली बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के सभी विधायकों से 13 फरवरी की शाम पचमढ़ी पहुंच जाने के लिए कह दिया गया है। वेलेंटाइन डे 14 फरवरी को सुबह नौ बजे से भाजपा का चुनाव की तैयारी का यह उत्सव शुरू हो जाएगा। मंत्रियों की बैठक यानि केबिनेट 25 ता. को होगी, लेकिन मंत्री भी विधायक हैं इसलिए उन्हें भी 13 की शाम तक पचमढ़ी पहुंच जाने का संकेत दे दिया गया है। मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठजन 14 की सुबह पचमढ़ी पहुंचेंगे।

पार्टी विधायकों का अभ्यास वर्ग और प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 और 15 को कई सत्रों में होगा। इन सत्रों को पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्रीगण नरेंद्र सिंह चौहान, प्रभारी विनय सहस्त्रवुद्धे, पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल संबोधित करेंगे। इनके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री सुहास भगत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भाषण भी होंगे। प्रशिक्षण वर्ग 15 की दोपहर तक खत्म हो जाएगा, इसके बाद केबिनेट की बैठक पचमढ़ी में ही आयोजित की जाएगी इसलिए सरकार के आला अफसरों की 15 की सुबह पचमढ़ी पहुंचने की संभावना है।

सरकार और संगठन के इस सेलिब्रेशन का मूल मकसद विधायकों की मंत्रियों से शिकायत और पार्टी कार्यकर्ताओं की विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों से शिकायत पर सुलह करना है। भाजपा बहुत बेहतर ढंग से समझ रही है कि मिशन 2018 इतना आसान नहीं होगा जितना समझा जा रहा है। पार्टी यह मान रही है कि जनता की नाराजगी सरकार से नहीं है। विपक्ष का भी मैदान में कहीं अता-पता नहीं है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता न सिर्फ नाराज हैं बल्कि हतोत्साहित भी हैं। यहां तक कि विधायक भी मंत्रियों और नौकरशाही दोनों से परेशान हैं। उनका खुला आरोप है कि मंत्री और नौकरशाह न तो उनकी सुनते हैं और न ही ससम्मान बात करते हैं। इसी समस्या का समाधान पचमढ़ी की वादियों में निकालने की कोशिश की जाएगी।

सरकार और संगठन भले ही अपनी चिन्ता को लेकर पचमढ़ी में चिंतन कर समस्या का हल निकाल लें लेकिन ऐसे आयोजनों को लेकर जनता का चिंतन सरकार पर सवाल खड़े कर देता है। आम आदमी का मानना है कि सरकार को ऐसे आयोजन सामान्य रूप से राजधानी में करने चाहिए। ऐसे आयोजन चाहे हनुवंतिया में किए जाएं या पचमढ़ी में, सरकारी पैसे की बर्बादी होती है। पार्टी भले ही कुछ भी दावा करे लेकिन यह हकीकत है कि भोपाल के बाहर ऐसे आयोजन होते हैं तब सरकारी मशीनरी कई दिन तक उसी काम में जुटी रहती है जब कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता कार्यक्रम में हों तो सरकारी मशीनरी की नैतिक जिम्मेदारी भी वहां सारी सुविधाएं मुहैया कराने की हो जाती है। वीआईपी नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में भी बड़ा लवाजमा लगाना पड़ता है। सरकारी मशीनरी जब काम करेगी तब खर्च जनता की जेब से जमा तमाम टैक्सों से ही होता है। लेकिन पार्टी विथ डिफरेंस होने का दावा करने वाली सरकार ऐसे मौकों पर न सिर्फ खामोशी ओढ़ लेती है बल्कि अपने सुचिता जैसे सिद्धांतों को भी ताक पर रख देती है। यह भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करता है। कहीं ऐसा न हो कि पार्टी और सरकार के ऐसे सेलिब्रेशन घर में तो सब ठीक कर दे, लेकिन बाहर माहौल पार्टी के खिलाफ हो जाए और नाराज जनता कोई उलट फैसला कर बैठे।

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