देश में इस बार खिचड़ी सरकार......प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 4 जून। लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एक्जिट पोल के सभी अनुमानों को झुठला दिया, लेकिन देश में फिर एक बार मोदी सरकार की उम्मीदे बरकरार रखी हैं। हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) 292 सीटों के साथ बहुमत के लिए जरूरी सीटों के आंकड़े को पार कर गया है, लेकिन बीजेपी अकेले की दम पर बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में 240 सीटों पर ही इस बार सिमट है। विपक्ष इस बार बहुत मजबूत स्थिति में है। कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन 233 सीटों के साथ बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि कांग्रेस सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में 97 सीटों पर सिमटी है। इन स्थितियों को देखते हुए देश में फिर एक बार खिचड़ी सरकार की संभवानाएं जताई जा रही हैं, यह सरकार भले ही भाजपा और नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सत्तारूढ़ हो। पिछले दो चुनावों 2014 और 2019 में भी एनडीए की गठबंधन सरकार सत्तारूढ़ थी, लेकिन दोनों बार मुख्य घटक बीजेपी अकेले बहुमत के जादुई आंकड़े 272 से आगे थी।
अबकी चार सौ पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी सत्तारूढ़ एनडीए की मुख्य घटक बीजेपी ने सारा चुनाव अभियान अपने दोनों प्रमुख नेताओं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मर्जी के मुताबिक चलाया। इसलिए पूरा चुनाव मोदी बनाम विपक्ष हो गया था। एक्जैट परिणामों से पहले आए एक्जिट पोल के दावों ने देश में बीजेपी के अबकी बार चार सौ पार के दावे का पूरा समर्थन किया था। इसलिए एनडीए के घटक दल सत्ता में वापसी की खुशी के साथ बीजेपी के दबाव को लेकर सहमे भी हुए थे। लेकिन दो दिन बाद मंगलवार को आए चुनाव परिणामों सारे हालात बदल दिए। अबकी बार चार सौ पार का नारा दिवा स्वप्न साबित हुआ और पूरा एनडीए 292 सीटों के करीब सिमट गया। खुद बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर किंग मेकर बनी रही, लेकिन 2014 और 2019 में बहुमत के आंकड़े 272 से बहुत आगे रहने वाली पार्टी इस बार उस जादुई आंकड़े से बहुत पीछे 240 पर अटक गई है। ऐसे में फिर एक बार मोदी सरकार की संभवनाएं तो अभी भी जिंदा हैं लेकिन सरकार दंभई और दबंगई के बजाय मजबूरी वाली खिचड़ी सरकार होगी। उसका मुकाबला नेता प्रतिपक्ष तक न बना पाने वाले कमजोर विपक्ष की बजाय मजबूत विपक्ष से होगी। विपक्षी गठबंधन इंडिया 233 सीटों के साथ दमदार विपक्ष बन गया है और गठबंधन की मुख्य घटक कांग्रेस 97 सीटों के साथ पिछले दो चुनावों 2014 और 2019 की तुलना में लगभग दो गुने आंकड़े पर है। ऐसे में वह इंडिया के लिए मजबूत लीडर तथा सरकार के लिए मजबूत विपक्ष की भूमिका में रहेगी। देश की सत्ता के सियासी गलियारों में सबसे बड़ी भूमिका अब एनडीए के दो प्रमुख घटक दलों बिहार में सत्तारूढ़ जद यू तथा लोकसभा के साथ हुए विधानसभा चुनाव में बहुमत पाकर सत्तारूढ़ होने जा रही आंध्रप्रदेश की तेलगू देशम पार्टी की होगी। जद यू के मुखिया औऱ बिहार के सीएम नितीश कुमार को सियासी जरूरतों के मुताबिक पलटी मारने में मास्टर माना जाता है जबकि टीडीपी के मुखिया और आंध्र प्रदेश के पूर्व और भावी सीएम चंद्रबाबू नायडू अपने गठबंधन का साथ देते हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से दोनों नेताओं को अपने पाले में करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।