जीएचआई रिपोर्ट: भूख के मामले में हम अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) की रिपोर्ट ने भारत में विकास और कल्याणकारी सरकार के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस रिपोर्ट में भारत को विश्व में भूख इंडेक्स में 102 वाँ स्थान मिला है।इस सर्वे में 117देश थे।इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में भूख की स्थिति कितनी भयावह है। विगत दशकों मे विश्व की अर्थव्यवस्था में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले ब्रिक्स देशों में तो भारत नीचे है ही परंतु अधिक दुखदाई यह है कि भारत अपने सभी पड़ोसियों से इस मामले में फिसड्डी है। सबसे अपमानजनक बात यह है कि हमारा पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान पहली बार भारत से आगे निकल गया है। भारत सरकार की योजनाएं निम्नतम स्तर पर कारगर नहीं हो रही है।GHI के सर्वे को नकारने के स्थान पर है भारत को उस वर्ग की पहचान करनी चाहिए जो भूख अर्थात कुपोषित बच्चों से संबंधित हैं और उन्हें विशेष सहायता पहुँचाई जाए। मध्यप्रदेश के सहरिया आदिवासी कुपोषण के भयंकर शिकार है परंतु अभी तक इस छोटी सी आबादी को इससे मुक्त नहीं किया गया है। इस ख़बर को मीडिया में शायद ही शक्तिशाली ढंग से उठाया जाएगा लेकिन फिर भी भारत सरकार को मानवीय आधार पर इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्ञातव्य एवं विचारणीय है कि भारत खाद्यान्न में पूर्णतया आत्मनिर्भर है।