कोरोना के साथ मौसम ने भी रुलाया- प्रदेश के अन्नदाता पर दोहरी मार
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 27 मार्च। कोरोना के कहर से परेशान प्रदेश के किसानों को बेमौसम बरसात ने रुला दिया। संकट की दोहरी मार से प्रदेश के किसान परेशा न हो गए हैं। अचनाक मौसम का मिजाज बदलने के बाद तेज हवा के साथ हुई बारिश हुई...प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई...इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है...खेतों में फसले खड़ी है...लेकिन बारिश,ओलावृष्टि होने से फसलों को खासा नुकसान हो गया...शासन प्रशासन कोरोना से लड़ाई पर व्यस्त है...ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है...सबसे ज्यादा नुकसान फल,फूल और सब्जियों पर पड़ रहा है...एक तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिये बाजार नहीं आने दिया जा रहा है...ऊपर से बारिश और ओलावृष्टि ने सब चौपट कर दिया...इसके पहले खरीफ की फसल भारी बारिश होने के चलते पहले ही खराब हो चुकी थी..अब किसानों को रबी की फसल से उम्मीद थी...लेकिन किसान मायूस हो गये है...।
कोरोना संकट के चलते 21 दिन का लांक डाऊन पूरे देश में घोषित किया गया है...किसान अपनी उपज लेकर बाजार नहीं आ पा रहे है...ऐसे में मौसम ने करवट बदली और देररात से हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता को दुगना कर दिया है...संतरा की फसल गिर गयी है...किसान परेशान है...फूलों की खेती को भारी नुकसान हो रहा है...सब्जी की फसल के लिये किसानों को बाजार नहीं मिल पा रहा है...खेतों में इन दिनों गेहूं, चना, सरसों, तुअर, मसूर आदि फसल खेत खलिहान में है...वहीं खेतों में इन दिनों गेहूं, चना, सरसों, तुअर, मसूर आदि फसल खेत खलिहान में है...खेत और खलिहान पर ऱखी फसल को बारिश होने भारी नुकसान हुआ...एक तऱफ कोरोना से जंग और दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदा का कहर...ऐसे में किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें....अब किसानों को सरकार से ही उम्मीद है....
प्रदेस के कई हिस्सों में बारिश ने कहर बरपाया है...जिसमें राजधानी भोपाल समेत इंदौर,आगर-मालवा,उज्जैन,देवास,रायसेन,विदिशा,होशंगाबाद में फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है...आगर मालवा जिले में अचानक तेज हवा ओलावृष्टि के बारिश जिले में करोड़ों रुपए का नुक़सान संतरे गेहूं चना मसुर में हुआ है, मध्यप्रदेश में आगर मालवा जिले में संतरे का उत्पादन सबसे अधिक होता है, महाराष्ट्र के नागपुर के बाद आगर मालवा जिले का नाम संतरे का उत्पादन होता है, तेज़ हवा ओलावृष्टि और बारिश से संतरे का फल जमीन पर गिर गया,अब इस फल को व्यापारी भी नहीं खरदता,यह बैमौसम बारिश किसानों पर कहर बनकर, और करोड़ों रुपए का नुक़सान हुआ है,अब देखना होगा की मध्यप्रदेश सरकार इन किसानों की सुध कब लेगी। हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों को भरोसा दिला चुके है कि किसान निराश न हो....राज्य़ सरकार उनके साथ संकट की इस घड़ी में खड़ी है।