केजरीवाल जमानत पर रिहा, प्रचार कर सकेंगे लेकिन सीएम के काम नहीं
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 10 मई। करीब पचास दिन जेल में रहने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ एक जून तक के लिए जमानत दे दी है। केजरीवाल जमानत के दौरान चुनाव प्रचार कर सकेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकेंगे।
दिल्ली एक्साइज पालिसी घोटाले में दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। तब से वे दिल्ली की तिहाड़ जेल मे थे। करीब पचास दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी है ताकि वे लोकसभा के चुनाव अभियान में हिस्सा ले सकें। कोर्ट ने शर्तों में कहा है कि अरविंद केजरीवाल को समर्पण कर दो जून को जेल में लौटना होगा। उन्हें 50 हजार रुपये का मुचलका भरना होगा।केजरीवाल आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। उन्हें अपने इस बयान का पालन करना होगा कि वे किसी भी आधिकारिक फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक कि मामला उपराज्यपाल से मंजूरी हासिल करने जितना जरूरी न हो।केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय में नहीं जाएंगे। वे किसी भी गवाह से बात नहीं कर सकेंगे और मामले से जुड़े आधिकारिक दस्तावेजों को नहीं देख सकेंगे।सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल डेढ़ साल तक बाहर थे। उन्हें ईडी द्वारा पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समग्र और उदार दृष्टिकोण उचित है।
केजरीवाल की जेल से रिहाई से आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान को नई ताकत मिल सकती है। आम आदमी पार्टी अब तक जनता को अरविंद केजरीवाल की कहानियां सुना रही थी, अब केजरीवाल भी यह काम करेंगे और केंद्र सरकार पर निशाना साधेंगे। आम आदमी पार्टी ने अभी से इसे लोकतंत्र, संविधान और जनता की जीत बताते हुए इसे अपने लिए बड़ी राहत बताया है। आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की राहत को बड़े स्तर पर जनता के बीच ले जाने की तैयारी कर रही है। अरविंद केजरीवाल की भावनात्मक अपील आम आदमी पार्टी के सुस्त पड़े कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भर सकती है। सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के कुछ बड़े नेता एक साथ संयुक्त रैलियां कर सकती हैं। केजरीवाल भी जनता के बीच उन मुद्दों को जोरशोर से उठाने की कोशिश कर सकते हैं जिन्हें विपक्ष लगातार उठाता रहा है। जब तक अरविंद केजरीवाल को जमानत नहीं मिली थी, आम आदमी पार्टी अपनी हर सभाओं में उनकी जेल में बंद फोटो का इस्तेमाल कर अपना चुनाव प्रचार कर रही थी। उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल हर चुनावी सभा में अपने पति पर 'जुल्म' किए जाने की बात कह रही थीं। अब केजरीवाल, केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा विपक्षी दलों पर हमला किए जाने का मुद्दा जोरशोर से उठाएंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली की चार लोकसभा सीटों, हरियाणा के गुरुग्राम की एक और पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इन 18 लोकसभा सीटों पर अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने का मौका मिल गया है। जबकि असम और गुजरात में वे चुनाव प्रचार नहीं कर पाए। पार्टी को इसका कितना नुकसान हुआ, यह चुनाव परिणाम आने के दिन ही पता चल पाएगा। आने वाले समय में इंडिया गठबंधन के नेता अरविंद केजरीवाल के साथ संयुक्त रैलियां करने की कोशिश कर सकते हैं।