कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ मुकदमे की राज्यपाल ने दी मंजूरी

Aug 18, 2024

खरी खरी  संवाददाता

बेंगलुरू, 18 अगस्त। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्यपाल के एक फैसले के चलते सियासी संकट में फंस गई है। राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। कांग्रेस ने इसे एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने की साजिश करार दिया है तो बीजेपी ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।  

ये मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए यानी मूडा) की तरफ से सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को आवंटित की गई ज़मीन से जुड़ा है। सिद्धारमैया की पत्नी की मैसूर में केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि थी, जो पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार स्वरूप दी थी। मुडा द्वारा साल 2021 में पार्वती की जमीन अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में पार्वती को 14 साइटें आवंटित की गईं। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी। मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है।

राज्यपाल की तरफ से नोटिस जारी होने के बाद सिद्धारमैया ने अपने कैबिनेट सहयोगियों, वरिष्ठ पुलिस और ख़ुफ़िया अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक की। फिलहाल ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सिद्धारमैया मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ेंगे। इसके पीछे की बड़ी वजह कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद उन्हें मिल रहा कांग्रेस आलाकमान का समर्थन है।  इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं से कहा, "मेरे इस्तीफ़ा देने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। पार्टी मेरे साथ है, कैबिनेट मेरे साथ है और पूरी सरकार मेरे साथ है। ये चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की राजनीतिक साजिश है।इस मामले में कांग्रेस सिद्धरमैया के साथ है। वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ये मोदी सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध है। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "कांग्रेस पार्टी इसे क़ानूनी और राजनीतिक दोनों तरीकों से लड़ेगी। पूरी कैबिनेट और पार्टी मज़बूती से मुख्यमंत्री के पीछे खड़े हैं। उनके इस्तीफ़ा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। वो मेरे मुख्यमंत्री रहेंगे और हम कर्नाटक के लोगों की इच्छानुसार उनकी सेवा करते रहेंगे।" वहीं कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि ये राजनीतिक रूप से प्रेरित है। वो गरीबों की सेवा कर रहे एक पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को परेशान कर रहे हैं। हरिप्रसाद को सिद्धारमैया का आलोचक माना जाता है।

बीजेपी इस मामले में सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफ़े की मांग कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि कांग्रेस को राज्यपाल के फ़ैसले पर सवाल उठाने की बजाय अपने काम पर ध्यान देना चाहिए।