उपचुनाव में कांग्रेस ने 43 और भाजपा ने 36 फीसदी दागियों को टिकट दिया

Oct 22, 2020

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 22 अक्टूबर। चुनाव सुधार के लिए तमाम दावे करने वाले राजनीतिक दल आपराधिक छवि के नेताओं के मोह से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में दोनों ही पार्टियों ने उन नेताओं को मैदान में उतारा है जिन पर आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं। कांग्रेस ने जहां लगभग 43% ऐसे लोगों को टिकट दिया है जिन पर आपराधिक केस दर्ज हैं। वहीं भाजपा ने लगभग 36 फीसदी ऐसे लोगों को चुनाव मैदान में उतारा है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही उपचुनाव के मैदान में दागी प्रत्याशियों को उतारने में कोई कोताही नहीं बरती है। प्रदेश की 28 सीटों प्रमुख मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है और दोनों ही पार्टियों ने ऐसे प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है जिनके खिलाफ थानों और अदालतों में केस चल रहे हैं। कांग्रेस इस मामले में भाजपा से दो कदम आगे है। कांग्रेस के 28 प्रत्याशियों में से लगभग 43 फीसदी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। कुल 28 उम्मीदवारों में से 12 दागी हैं। इनके खिलाफ कुल 29 मामले दर्ज हैं। इनमें आगर सीट से चुनाव लड़ रहे विपिन वानखेड़े के खिलाफ सबसे अधिक 11 मामले दर्ज हैं। दूसरे स्थान पर ग्वालियर से चुनाव लड़ रहे सुनील शर्मा हैं, जिन पर पांच प्रकरण दर्ज हैं। तीसरे स्थान पर मेहगांव के प्रत्याशी हेमंत कटारे हैं, जिन पर तीन मामले दर्ज हैं। कांग्रेस का दावा है कि उसने साफ सुथरी छवि वालों को टिकट दिया है जबकि भाजपा ने खरीद कर लाए गए प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है।

दागी प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के मामले में भाजपा भले ही कांग्रेस से दो कदम पीछे है लेकिन कम नहीं है। पार्टी विद डिफरेंस का दम भरने वाली भाजपा 36 फ़ीसदी बागी प्रत्याशी इस चुनाव में उतारे हैं उसके 28 प्रत्याशियों में से 25 के खिलाफ विभिन्न थानों और अदालतों में चल रहे हैं सबसे अधिक साथ-साथ प्रकरण ग्वालियर पूर्व के प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल ग्वालियर के प्रत्याशी प्रद्युमन सिंह तोमर के खिलाफ दर्ज हैं दूसरे नंबर पर दिल्ली के प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया हैं जिन पर मामले चल रहे हैं यह संयोग ही है कि प्रत्याशी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं

उपचुनाव के मैदान में उतरे प्रत्याशियों द्वारा दिए गए एफिडेविट साफ करते हैं की सियासत में अपराध और राजनीति का गठजोड़ कभी नहीं टूट सकता । पार्टियां चाहे जितने दावे करें लेकिन यह फिलहाल तो संभव नहीं दिखाई पड़ रहा है।

कांग्रेस के दागी प्रत्याशी

विपिन वानखेड़े  आगर 11,   फूलसिंह बरैया भांडेर एक,  रामचंद्र दांगी ब्यावरा एक, मेवाराम जाटव गोहद एक,  सुनील शर्मा ग्वालियर पांच, पंकज उपाध्याय जोरा एक, प्रागी लाल जाटव करैरा एक, हेमंत कटारे मेहगांव 3, राकेश मावई मुरैना एक, प्रेमचंद गुड्डू सांवेर दो, राकेश पाटीदार सुवासरा एक, कमल पटेल बदनावर एक,

कुल 12 प्रत्याशी 29 प्रकरण 43 फीसदी

भाजपा के दागी प्रत्याशी

जजपाल सिंह जज्जी अशोकनगर एक, महेंद्र सिंह सिसोदिया बमोरी एक, नारायण सिंह पवार ब्यावरा एक, गिर्राज दंडोतिया दिमनी 4, रणवीर जाटव गोहद एक, मुन्नालाल गोयल ग्वालियर पूर्व 7,  प्रद्युमन सिंह तोमर ग्वालियर 7,  ओपीएस भदौरिया मेहगांव एक,  रघुराज कंसाना मुरैना एक, ऐंदल सिंह कंसाना सुमावली एक।

कुल 10 प्रत्याशी 25 मामले 36 फीसदी