इस लोकसभा चुनाव में 1644 दागी और 2572 करोड़पति भी मैदान
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 29 मई। अंतिम दौर में पहुंच रहे लोकसभा चुनाव 2024 में 1644 दागी और 2572 करोड़पति भी किस्मत आजमा रहे हैं। दागियों में 1191 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। करोड़पति प्रत्याशियों में मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ भी शामिल हैं।
चुनावों पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 2024 में चुनाव लड़ने वाले 8360 उम्मीदवारों में से 8337 के हलफनामों का विश्लेषण किया है। तेइस उम्मीदवारों के शपथ-पत्र स्पष्ट न होने की वजह से उनका विश्लेषण नहीं किया गया है। एडीआर ने विश्लेषण के बाद जारी रिपोर्ट में बताया है कि चुनाव लड़ रहे 8,337 उम्मीदवारों में से 1,644 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन उम्मीदवारों में से 1191 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध और नफरती भाषण से जुड़े आरोप शामिल हैं। अपने ऊपर आपराधिक अथवा गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी प्रत्याशियों ने खुद शपथ पत्र में दी है। करीब 20 फीसद उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले तथा करीब 14 प्रतिशत ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें 40 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से जबकि 173 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या के प्रयास (आईपीसी-307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से जुड़े मामले घोषित करने वाले उम्मीदवार 197 हैं। इनमें से 16 उम्मीदवारों के ऊपर दुष्कर्म (आईपीसी-376) से जुड़ा मामला दर्ज है। कुल 98 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं।
दागियों के मामले में बीजेपी कांग्रेस बराबरी पर
एडीआर ने चुनाव में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामले दलवार आंकड़े जारी किए हैं। भाजपा के 440 में से 191 (43 प्रतिशत), कांग्रेस के 327 में से 143 (44 प्रतिशत), बसपा के 487 में से 63 (13 प्रतिशत), माकपा के 52 में से 33 (63 प्रतिशत) और 3903 में से 550 (14 प्रतिशत) निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं। भाजपा के 440 में से 130 (30 प्रतिशत), कांग्रेस के 327 में से 88 (27 प्रतिशत), बसपा के 487 में से 48 (10 प्रतिशत), माकपा के 52 में से 18 (35 प्रतिशत) और 3903 में से 411 (11 प्रतिशत) निर्दलीय उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं।
हजारों करोड़पति भी चुनाव मैदान में
कुल 8337 प्रत्याशियों में से 31 प्रतिशत यानी 2572 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा भाजपा के 403 उम्मीदवार करोड़पति हैं। दूसरे स्थान पर कांग्रेस है जिसके 292 उम्मीदवार करोड़पति हैं। चुनावी हलफनामों में इन प्रत्याशियों ने एक करोड़ से ज्यादा की संपत्ति घोषित की है। लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने वाले हर उम्मीदवार के पास औसतन 6.23 करोड़ रुपये की संपत्ति है। दलवार आंकड़ों पर गौर करें तो भाजपा के 440 उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 41.26 करोड़ की है। इस लोकसभा चुनाव में फिर से चुनावी मैदान में उतरे 324 सांसदों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में औसतन 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2019 में इन सांसदों की औसत संपत्ति लगभग 21.55 करोड़ रुपये थी, जबकि मौजूदा चुनाव में औसत संपत्ति बढ़कर 30.88 करोड़ रुपये हो गई है। यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों में 9.33 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्शाता है।
अमीरों में नकुल नाथ भी शामिल
इस चुनाव में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से टीडीपी प्रत्याशी पेम्मासानी ने कुल 5705 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में दूसरे स्थान पर भाजपा के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी हैं। तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से चुनाव लड़ने वाले रेड्डी ने अपने हलफनामे में 4568 करोड़ की दौलत बताई है। तीसरे सबसे धनी प्रत्याशी भाजपा की पल्लवी श्रीनिवास डेम्पो हैं। दक्षिण गोवा सीट से चुनाव लड़ने वाली पल्लवी की संपत्ति 1361 करोड़ की है। चौथे सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले उम्मीदवार नवीन जिंदल हैं। हरियाणा के कुरूक्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी जिंदल ने कुल 1241 करोड़ की संपत्ति घोषित की है। इस मामले में पांचवें स्थान पर कांग्रेस के नकुल नाथ हैं। मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ने वाले नकुल ने अपने हलफनामे में 716 करोड़ की दौलत बताई है।
शून्य संपत्ति वाले भी चुनाव मैदान में
उधर 46 उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य रुपये घोषित की है। तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति 100 रुपये से भी कम बताई है। हरियाणा की रोहतक सीट से उम्मीदवार मास्टर रणधीर सिंह ने दो रुपये, आंध्र प्रदेश की बापटला (एससी) सीट से उम्मीदवार कट्टा आनंद बाबू ने सात रुपये और जम्मू-कश्मीर की बारामुला सीट से उम्मीदवार मोहम्मद सुल्तान गनई ने अपनी संपत्ति 67 रुपये बताई है।
प्रत्याशियों में 121 निरक्षर भी
तमाम उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता की बात करें तो 3482 (42 प्रतिशत) उम्मीदवार 5वीं और 12वीं के बीच पढ़ाई किए हुए हैं। 4211 (51 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा बताई है। 292 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। 217 उम्मीदवार साक्षर जबकि 121 उम्मीदवार असाक्षर भी हैं।
युवा उम्मीदवार 32 प्रतिशत
उम्मीदवारों की आयु के आंकड़े देखें तो 2640 (32 प्रतिशत) उम्मीदवार 25 से 40 वर्ष के बीच के हैं। 4283 (51 प्रतिशत) प्रत्याशी 41 से 60 वर्ष के बीच हैं। 1403 (17 प्रतिशत) उम्मीदवारों की आयु 61 से 80 वर्ष है। 11 उम्मीदवारों ने अपनी आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की हैं।
महिलाओं की संख्या 10 फीसदी से भी कम
एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 8,337 उम्मीदवारों में से केवल 797 महिलाएं हैं। यह आंकड़ा सभी सात चरणों में चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों का महज 9.56% है। पहले चरण के चुनाव के दौरान 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 135 महिलाएं थीं। चरण 2 में 1,192 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें से एडीआर ने 1,198 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और इसमें 100 से अधिक महिलाएं थीं। तीसरे चरण के चुनाव में कुल 1,352 उम्मीदवार थे, जिनमें 123 महिलाएं थीं। चौथे चरणमें 1,717 उम्मीदवारों में से 1,710 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 170 महिलाएं थीं। पांचवे चरण में सबसे कम 695 उम्मीदवार थे, जिनमें 82 महिलाएं थीं। छठे चरण 6 में 869 उम्मीदवारों में से 866 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 92 महिलाएं थीं। वहीं सातवें चरण में 904 उम्मीदवार हैं जिनमें केवल 95 महिलाएं हैं।
राजनीतिक दलों की संख्या में इजाफा
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, 2009 से 2024 तक लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सियासी दलों की संख्या में 104 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2024 में 751 सियासी दल भाग ले रहे हैं, जबकि 2019 में 677, 2014 में 464 और 2009 में 368 सियासी दल भाग ले रहे थे। यह आंकड़ा 2009 से 2024 तक 104% की तेज वृद्धि बताता है।