आपरेशन लोटस: मध्यप्रदेश में कर्नाटक का नाटक दोहराने की कोशिश

Mar 04, 2020

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 4 मार्च। मध्यप्रदेश में मचे सियासी ड्रामे ने मंगलवार से बुधवार तक सारी सीमाएं तोड़ दीं। भोपाल से नई दिल्ली और गुरुग्राम तक चला हाई वोल्टेज सियासी ड्रामा अंतत: भोपाल में सीएम हाउस आकर समाप्त हुआ। कुछ समय पहले कर्नाटक में हुआ राजनीति का नाटक मध्यप्रदेश में दोहराने की कोशिश हुई। हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा पूरी रात चलता रहा। मीडिया द्वारा इसे आपरेेशन लोटस एड मिड नाइट नाम दिया गया। 

मध्यप्रदेश के विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में दिल्ली में आधी रात खींचतान चलती रही। मंगलवार और बुधवार को आधी रात को दिल्ली के नजदीक हरियाणा स्थित पांच सितारा होटल मानेसर में भाजपा व कांग्रेस नेताओं के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई ।दिल्ली स्थित सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के कुछ पूर्व मंत्री कांग्रेस के चार बसपा के दो और एक अन्य विधायक के साथ होटल मराठा में ठहरे हुए थे। देर रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो कांग्रेस और अन्य विधायकों को होटल मराठा से होटल मानेसर में शिफ्ट कर दिया गया। इसकी भनक मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो उन्होंने अपने चार मंत्रियों को दिल्ली भेजा और विधायकों को भाजपा के कब्जे से मुक्त कराने की कोशिश की । सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने जब विधायकों को छुड़ाने की कोशिश की तो भाजपा के एक पूर्व  मंत्री ने दिल्ली पुलिस बुला ली । इसके बाद मौके पर दिग्विजय सिंह भी पहुंच गए। मामला काफी तूल पकड़ा । सूत्रों का यह भी कहना है कि विवाद के बाद बहुजन समाज पार्टी की विधायक राम बाई कांग्रेसी मंत्रियों के साथ रवाना हो गई। मध्य प्रदेश का यह सियासी ड्रामा दिल्ली में रात भर चलता रहा।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह घटनाक्रम की पुष्टि की और बताया कि राम बाई कांग्रेस के नेताओं के साथ वापस आ गई हैं। प्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिये 26 मार्च को होने वाले चुनाव से कुछ दिन राज्य में हार्स ट्रेडिंग की आशंकाएं बढ़ने लगी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके विधायकों 25 से 35 करोड़ रुपये का लालच दे रही है और विधायकों को बंधक बनाए हुए है। पहले ऐसी खबर आ रही थी कि कांग्रेस के कुल चार और चार निर्दलीय विधायक हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक होटल में ठहरे हुए हैं। कांग्रेस के आठ विधायक गायब बताए जा रहे हैं। यानि कुल 12 विधायक अब कांग्रेस की चिंता बढ़ा रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियां बता रही है कि मध्य प्रदेश भी कर्नाटक की राह पर आगे बढ़ चला है।  हालांकि दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि उनके छह विधायक वापस लौट आए हैं।

 

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