अमित शाह के डिनर ने एनडीए कुनबे मे भर दिया नया जोश
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 22 मई। अमित शाह की डिनर डिप्लोमेसी का असर देश की सियासत पर दिखाई देने लगा है। एक्जिट पोल के नतीजों के खुशगवार माहौल के बीच हुई शाही दावत में आए एनडीए कुनबे के सारे नेता खुश हैं। अपने अपने राज्यों में लौटने के बाद सभी इसी तरह से व्यवहार और विचार कर रहे हैं मानो मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर केंद्र सरकार बन गई हो। इन नेताओं को एक्जिट पोल के नतीजों पर ज्यादा भरोसा है या फिर मोदी और शाह की जोड़ी के दावों पर। लेकिन जो भी है देश में एनडीए कुनबा सियासी खुशहाली में है। इस डिनर ने पूरे कुनबे में जोश भर दिया है।
एनडीए दलों के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली में मंगलवार को डिनर पार्टी का आयोजन किया था। इस पार्टी में एनडीए के सभी घटक शामिल हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे लंदन से विशेष रूप से डिनर के लिए दिल्ली पहुंचे तो बिहार के सीएम और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी डिनर में मौजूदगी दर्ज कराई। पंजाब से सीनियर बादल और जूनियर बादल, रामबिलास पासवान और उनके बेटे चिराग सहित लगभग पूरा एनडीए का कुनबा डिनर में मौजूद रहा।
सिर्फ तीन सहयोगी इस डिनर में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन चिट्ठी लिखकर समर्थन का भरोसा जता दिया। डिनर के साथ पीएम मोदी के उन वादों को भी पूरा करने पर मंथन हुआ, जो उन्होंने देश के एक अरब तीस करोड़ लोगों से किया। इस मौके पर एक प्रस्ताव भी पास किया गया, जिसमें पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ में कसीदे पढ़े गए। प्लान 2022 पर चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि गरीबी से बड़ी कोई जाति नहीं, इसका समाधान जरूरी है। लजीज पकवानों के साथ एनडीए के इस डिनर में उस मिशन की बात हुई, जिसे पूरा करने की डेडलाइन पहले से पीएम मोदी ने तय कर रखी है। एनडीए ने भी अपने प्रस्ताव में साफ कर दिया कि अब लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का समय आ गया है? पीएम मोदी सिर्फ एनडीए के सहयोगियों से ही नहीं मिले, अपने मंत्रियों से मिले. पिछले 5 साल के काम-काज का हिसाब-किताब हुआ। अगले पांच साल के प्लान पर चर्चा हुई। अगर एक्जिट पोल के नतीजे हकीकत में बदले तो प्रधानमंत्री मोदी की एक नई टीम बनेगी, जिसके सामने मोदी का मिशन 2022 होगा।