अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर अदालती लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची
खरी खरी डेस्क
नई दिल्ली, 11 जुलाई। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के आकार लेने के बाद मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर माहौल गर्माने लगा है। श्रीकृष्ण जन्म भूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह को लेकर तमाम कानूनी दांव पेंच शुरू हो गए हैं।
मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि का विवाद काफी पहले से चला आ रहा है, लेकिन अयोध्या स्थित श्रीराम जन्म भूमि विवाद के चलते हिंदूवादी संगठनों का ज्यादा काम अयोध्या में चल रहा था। अय़ोध्या में मंदिर विवाद खत्म हो जाने और श्रीराम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जाने के बाद सबका ध्यान श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर है। यह मामला अब सुप्रीट कोर्ट पहुंच गया है। शाही ईदगाह प्रबंधन समिति ने विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं को जिला न्यायालय मथुरा से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। शाही ईदगाह प्रबंधन समिति की ओर से वकील आरएचए सिकंदर ने यह याचिका दायर की है। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के 26 मई को पारित हुए आदेश को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि केस ट्रांसफर आवेदन को तथ्य पेश करने के बाद भी हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कहा है कि जिस केस से ट्रांसफर आवेदन निकला था, उस पर इलाहाबाद होईकोर्ट की समन्वय पीठ ने दिनांक 03 अगस्त 2022 के आदेश के तहत रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि केस ट्रांसफर करने के लिए कोई आवेदन दायर नहीं किया गया था। गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद मामले में अब तक मथुरा कोर्ट में नौ मुकदमे दाखिल हो चुके हैं। लखनऊ की रहने वाली रंजना अग्निहोत्री ने कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया था। अग्निहोत्री ने अपने मुकदमे में कृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की थी।मामला अदालत में होने के कारण इस मुद्दे पर सीधी टिप्पणी करने से सभी संगठनों के नेता बच रहे हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बाद अब इस मामले में तेजी आएगी।