अब पीके ने भी कहा कि आएगा तो मोदी ही....
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 22 मई। विख्यात चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने देश में एक बार मोदी सरकार बनने का दावा किया है। हालांकि वे अबकी बार चार सौ पार के नारे को सियासी शिगूफा बताते हैं, लेकिन मानते हैं कि बीजेपी अपने पिछले चुनाव के प्रदर्शन को दोहरा सकती है। उनका दावा है कि बीजेपी को इस बार उत्तर और पूर्व में भले ही नुकसान हो लेकिन दक्षिण और पश्चिम में उसे अतिरिक्त सफलता मिलने जा रही है जो उत्तर पूर्व के नुकसान की भरपाई कर देगी। प्रशांत किशोर यानि पीके जैसे रणनीतिकार का यह दावा चार सौ पार के नारे का समर्थन भले ही न करे लेकिन भाजपा के ही इस चुनावी नारे का समर्थन करता है कि आएगा तो मोदी ही...। इसलिए उनके दावे के बाद सियासी पंडितों के बयान बदलने लगे हैं।
पीके यानि प्रशांत किशोर के बारे में माना जाता है कि उनकी रणनीति किसी भी दल को किसी भी चुनाव में सफलता दिला सकती है, लेकिन उनका कार्य करने का तरीका सियासी दलों को डरा देता है और वे अधबीच में ही पीके का साथ छोड़ देते हैं। उन्होंने भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, जद यू जैसे दलों के साथ काम किया लेकिन अंजाम को उस स्तर तक नहीं पहुंचा पाए जिसकी उम्मीद हुआ करती थी। राजनीति दलों के लिए काम करते करते पीके को सियासी शौक चढ़ गया। इस पर उन्हें दलों के साथ जुड़कर काम करने का भी मौका मिला लेकिन बात बनी नहीं। सियासी रणनीतिकार खुलकर सियासत करे, यह सियासतदारों को पसंद नहीं आया और पीके यहसमझने में भूल कर गए कि प्रोफेशनली किसी भी सियासी दल के लिए रणनीति तैयार करना सहज है लेकिन उनके साथ सियासत करना कठिन है। इसलिए उन्होंने अपना खुद का सियासी दल बना लिया और नाम रखा जन सुराज पार्टी। उन्हें उम्मीद है कि जन स्वराज पार्टी उन्हें सियासी रणनीतिकार से सियासतदार बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। इसलिए वे सियासी गतिविधियों पर नजर रखते हुए टिप्पणियां कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने जहां मोदी सरकार की सत्ता में वापसी का दावा किया है, वहीं मोदी सरकार के संभावित फैसलों की भी भविष्यवाणी कर दी है। उनका कहना है कि मोदी के तीसरे कार्यकाल में डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। इससे राज्यों की स्वायत्ता पर लगाम लगेगी।