छोटे से गमले में सजा है 37 साल का पेड़, डीबी सिटी में बोनसाई प्रदर्शनी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 23 अगस्त। भोपाल वासियों के लिए शापिंग और इंटरटेनमेंट का केंद्र बन गए डीबी सिटी में इन दिनों एक नया आकर्षण हैं। यहां लगी बोनसाई एक्जीबीशन लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। मप्र में बोनसाई की दुनिया का जाना माना नाम बन गईं डा. ममता मिश्रा की इस सोलो प्रदर्शनी में चुनिंदा पौधों को शामिल किया गया है, लेकिन उनकी खूबसूरती सबका ध्यान अपनी ओर कर लेती है। लोग रुक कर पौधों को देखते हैं, छूते हैं और एक खूबसूरत अहसास से भर जाते हैं।
आम माल्स की तरह डीबी सिटी का भी हर कोना माल और शोरूम्स की लकदक रोशनी से नहाया रहता है। ऐेसे में एक साथ खूब सारे बोनसाई पौधों को देखकर लोग ठिठक ही जाते हैं। डा. ममता मिश्रा की इस सोलो एक्जीबीशन में बोनसाई पेड़ों को जितनी खूबसूरती के साथ तराशा गया है, उतनी ही खूबसूरती के साथ प्रदर्शनी भी सजाई गई है। छोटे छोटे गमलों में हरियाली की खूबसूरत दुनिया सजाई गई है। सलीके से सजाए गए छोटे गमलों में लगे पेड़ भी छोटे हैं, लेकिन उनके साथ लगी परिचय पट्टिका पढ़ने के बाद पता चलता है कि सभी पेड़ उम्र दराज है। इस प्रदर्शनी में डा. ममता मिश्रा ने अपने बोनसाई संग्रह के चुनिंदा पेड़ों को ही शामिल किया है। लेकिन यह कोशिश साफ दिखाई पड़ती है कि बोनसाई की विभिन्न श्रेणियों को प्रदर्शन में शामिल किया जाए। इसलिए कई तरह बोनसाई इसमें दिखाई पड़ते हैं। इन तमाम पेड़ों के बीच बरगद का पेड़ सबको आकर्षित करता है। उसकी उम्र 37 साल बताई गई है जो लोगों को कुछ पल उसके पास रुककर उसे देखने के लिए प्रेरित करती है। इसी तरह इमली का छोटा सा पेड़ भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, क्योंकि उसकी उम्र 18 साल है। इसके साथ ही पीपल और आम के बोनसाई भी सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
इस प्रदर्शनी की क्रिएटर डा. ममता मिश्रा बीते करीब दो दशक से बोनसाई को सहेजने और संवारने के साथ सिखाने काम कर रही हैं। वे मप्र बोनसाई क्लब की प्रेसीडेंट भी रही हैं और कई अवार्ड भी हासिल किए हैं। उन्होंने भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश और देश में की जगह बोनसाई प्रदर्शनी का सफल आयोजन किया है। कई वर्कशाप का आयोजन भी उनके द्वारा किया जाता है। उनकी इस प्रदर्शनी में उनके खुद के चुनिंदा पेड़ों को प्रदर्शित किया गया है।