हाथियों के हमले में मकान क्षतिग्रस्त होने पर मिलते हैं केवल पांच हजार रुपये, राशि बढ़ाने की तैयारी

 भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार हाथियों के हमले में ग्रामीण क्षेत्र के मकानों को क्षतिग्रस्त करने पर महज पांच हजार रुपये मुआवजा देती है। यह तब है जब कच्चा मकान बनाने में भी लाखों रुपये का खर्च आता है। हाथी के हमले से मकान 50 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाए तो पांच हजार रुपये, यदि मकान कच्चा है तो यह राशि घटकर तीन हजार रुपये हो जाती है।

मकान क्षतिग्रस्त होने पर पचास हजार से दो लाख रुपये तक मुआवजा देने का प्रस्ताव बनाया गया है। मध्य प्रदेश में 67 हाथी हैं। हालांकि प्रदेश में हाथी प्रबंधन के लिए हाथी मित्र दलों का गठन किया गया है। स्थानीय युवाओं को दल में नियुक्त कर उन्हें आर्थिक सहायता भी दी जाती है।

हाथियों के हमले से मप्र में 22 मौतें, सर्वाधिक मौतें ओडिशा में 624

 

मध्य प्रदेश में जंगली हाथियों के हमले से मानव मृत्यु के मामले में पिछले पांच साल में जहां मप्र में 22 मौतें हुई है तो वहीं इस अवधि में ओडिशा में 624, झारखंड में 474, पश्चिम बंगाल में 436, असम में 383, छत्तीसगढ़ में 303, तमिलनाडु में 256 और कर्नाटक में 160 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है।

हालांकि यह संख्या कुछ अन्य राज्यों में बहुत कम है, जैसे आंध्रप्रदेश में 21, अरुणाचल प्रदेश में दो, महाराष्ट्र में आठ, मेघालय में 23, नागालैंड में दो, त्रिपुरा में आठ, उप्र में 15 एवं उत्तराखंड में 12 है। इन पांच वर्षों में देश में हाथियों के हमले में कुल 2727 मौतें हुई हैं।

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