CYBER TAHSIL- मप्र में नए साल में हर तहसील साइबर हो जाएगी
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 29 दिसंबर। मध्य प्रदेश की डा मोहन यादव सरकार नए साल में एक जनवरी से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस व्यवस्था के लोकार्पण के लिए शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से भेंटकर उन्हें आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। मुख्यमंत्री गुरुवार की रात दिल्ली पहुंचे थे।
मध्यप्रदेश में साइबर तहसील व्यवस्था 2022 में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में दो जिलों में शुरू की गई थी। बाद में इसका विस्तार 12 जिलों में हो गया। अब सरकार इसे प्रदेश के सभी जिलों की सभी तहसीलों में लागू तकरने जा रही है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रदेश की जनता को दी गई संकल्प-पत्र 23 की गारंटियों की पूर्ति के लिए सरकार संकल्पित है। इसी क्रम में एक जनवरी 2024 से पूरे प्रदेश में साइबर तहसील की अवधारणा लागू करने का निर्णय लिया है।
नामांतरण 15 दिन में होगा
इस व्यवस्था में आधुनिक तकनीक के उपयोग से बिना आवेदन दिए पारदर्शी तरीके से रजिस्ट्री के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण किया जाएगा और खसरा-नक्शा में भी तत्काल सुधार किया जा सकेगा। प्रथम चरण में इस प्रक्रिया को केवल ऐसे अविवादित प्रकरणों में लागू किया जा रहा है जहां विक्रय पूरे खसरे का है। इसके बाद इसे सभी प्रकार के अविवादित नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों में लागू किया जाएगा। साइबर तहसील के माध्यम से आनलाइन, पेपरलेस और फेसलेस प्रक्रिया से नामांतरण होने से शासन 'सुशासन से सुराज' की दिशा में आगे बढ़ेगा।
सीहोर दतिया से हुई थी शुरुआत
मध्य प्रदेश में दतिया एवं सीहोर दो जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 27 मई 2022 को साइबर तहसील शुरू की गई थी। इसके बाद छह अक्टूबर 2022 को इंदौर, हरदा, डिंडौरी एवं सागर जिले में साइबर तहसील लागू की गई। 10 अगस्त 2023 को आगर मालवा, बैतूल, उमरिया, श्योपुर, विदिशा एवं ग्वालियर छह जिलों में प्रभावशील की गई। इस तरह डेढ़ साल में साइबर तहसील व्यवस्था 12 जिलों की 442 तहसीलों में लागू हो गई। बाकी जिलों में यह एक जनवरी से लागू की जाएगी। इस व्यवस्था के माध्यम से अब तक 16 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है।