MP के मदरसों में योगा की शिक्षा पर सियासी बवाल, कांग्रेस को आपत्ति
खरी खरी संवाददाता
भोपालए 22 फरवरी। मध्यप्रदेश में अब मदरसों में योग की शिक्षा पर सियासत शुरू हो गई है। राज्य सरकार मदरसों में भी योगा को बढ़ावा देना चाहती हैए लेकिन विपक्ष में बैठी कांग्रेस को इस पर सख्त आपत्ति है। कांग्रेस का मानना है कि योग के उन हिस्सों को हटाकर ही मदरसों में योग शिक्षा दी जाए जिन पर इस्लाम में आपत्ति है।
विवाद की शुरूआत तब हुई जब राज्य सरकार के उपक्रम मध्यप्रदेश योग आयोग के नए अध्यक्ष मदरसों में योग की सिखाने का बयान दिया। आयोग के नए अध्यक्ष बने वेद प्रकाश शर्मा ने पद ग्रहण करते ही बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब मध्य प्रदेश के मदरसों में भी योग सिखाने की व्यवस्था की जाएगी। इसी के साथ साथ प्रदेश के सभी स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ योग की शिक्षा भी दी जाएगी। योग आयोग के अध्यक्ष इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने पेश करनी की बात कही है। योग आयोग अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने कहा किए योग हमारा शारीरिक और मानसिक विकास करने में काफी सक्षम है। ऐसे में उन्होंने योग को विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही है। साथ ही ये भी कहा किए इस विषय में मुख्यमंत्री से जल्द ही अनुरोध करेंगे। योग आयोग के अध्यक्ष ने कहा किए योग किसी धर्म विशेष या संप्रदाय विशेष के लिए नहीं हैए बल्कि सबके लिए है। ऐसे में सभी स्कूलों और मदरसों में संबंधित पढ़ाई के साथ साथ योग की पढ़ाई भी कराई जाएगी।
बीजेपी सरकार के इस प्लान पर कांग्रेस को आपत्ति हो गई। कांग्रेस ने योग से आपत्तिजनक व्यायाम हटाने की पैरवी की है। विशेषकर सूर्य नमस्कार के मुद्दे पर आपत्ति है। कांग्रेस के प्रवक्ता अब्बास हाफिज ने कहा कि योगा में जो आपत्तिजनक है उसको मदरसों के लिए हटाया जाए। कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफ़ीज ने बयान दिय़ा कि मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष और योग आयोग के अध्यक्ष को समन्वय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मदरसों में योग करने के फैसले पर सरकार योग आयोग से सहमत है या नही पहले वो बताए। उन्होंने कहा कि योग आयोग के अध्यक्ष ये सब राजनेतिक मंशा से कर रहे हैं।