एक लाख डिलेवरी कराने वाली 92 साल की डाक्टर का निधन
खरी खरी संवाददाता
इंदौर, 14 अगस्त। एक लाख से ज्यादा महिलाओं की प्रसूति कराने का रिकार्ड बनाने वाली बुजुर्गवार डाक्टर पदमश्री भक्ति यादव का सोमवार को निधन हो गया। लगभग 92 साल की डा यादव कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। कभी अपने काम से रिटायरमेंट या अवकाश नहीं लेने वाली डा भक्ति यादव ने जिंदगी से ही रिटायरमेंट ले लिया और अनंत अवकाश पर चली गईं।
मध्यप्रदेश की पहली स्त्री रोग विशेष मानी जाने वाली डॉक्टर भक्ति यादव ने चिकित्सीय सेवा के 64 साल में एक लाख से ज्यादा महिलाओं की डिलेवरी कराने का रिकॉर्ड कायम किया था। वे इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज की पहली महिला डॉक्टर थीं। उन्हें गत वर्ष पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था। अस्वस्थ होने के कारण वे राष्ट्रपति भवन नहीं जा सकीं तो राष्ट्रपति की ओर से इंदौर के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया और इंदैर जिला कलेक्टर ने उनके इंदौर स्थित आवास पर पहुंचकर उन्हें सम्मान प्रदान किया। लोगों का कहना है कि डॉ. भक्ति यादव सन् 1948 से ही नि:शुल्क उपचार कर रही थीं। जानकारी के अनुसार वे प्रसव कराने के लिए भी कोई शुल्क नहीं लेती थीं। उनका जन्म उज्जैन जिले के महिदपुर में 3 अप्रैल 1926 को हुआ था और वे परदेशीपुरा में अपने वात्सल्य नर्सिंग होम का संचालन करती थीं।
भक्ति यादव की सेवा और समर्पण से कई महिलाओं ने डॉक्टर की बजाए अपनी मां का दर्जा दिया था। इंदौर में उनकी मिसाल सेवा की प्रतिमूर्ति के रूप में दी जाती है। विपरीत परिस्थितियों में पढाई करने करके डाक्टर बनने वाली भक्ति यादव ने ताजिंजगी विपरीत परिस्थितियों में फंसे लोगों की मदद की। वे उम्र के आखिरी पड़ाव में भी चिकित्सा के काम में जुटी रहीं और महिलाओं की सुरक्षित प्रसूति कराती रहीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित अनेक विशिष्टजनों ने डाक्टर भक्ति यादव के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए उनकी मृत्यु को अपूर्णीय क्षति बताया है।