जोशी मर्डर केस में साध्वी प्रज्ञा सहित अन्य 7 आरोपी भी बरी
देवास। आरएसएस के प्रचारक रहे सुनील जोशी की 2007 में हुई हत्या मामले के 8 आरोपियों को बुधवार को कोर्ट ने बरी कर दिया। मध्यप्रदेश में देवास के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार आप्टे ने कहा, "आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं, लिहाजा उन्हें बरी किया जाता है।"
सुनील जोशी की 29 दिसंबर 2007 को देवास के चूना खदान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विरोध में आगजनी, पथराव हुआ था। मप्र हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने की थी। बाद में केस को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
इस मामले की मुख्य आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर है जो भोपाल में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं और उनका इलाज चल रहा है। एक अन्य आरोपी हर्षद अजमेर जेल में बंद है, जबकि लोकेश शर्मा और राजेंद्र चौधरी पंचकुला जेल में हैं। महू का जितेंद्र शर्मा, देवास का रामचरण पटेल, वासुदेव परमार, इंदौर का आनंदराज कटारिया जमानत पर हैं।
प्रज्ञा को 23 अक्टूबर, 2008 में गिरफ्तार किया गया था। साध्वी प्रज्ञा पर सुनील जोशी की हत्या का आरोप है। प्रज्ञा सिंह के अलावा हर्षद सोलंकी, रामचरण पटेल, वासुदेव परमार, आनंदराज कटारिया और जितेंद्र शर्मा सहित 8 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या, सबूत छिपाने और आर्म्स एक्ट के तहत आरोप तय किए गए थे। इस मामले के अलावा साध्वी पर मालेगांव में हुए धमाकों की साजिश रचने का भी आरोप है। धमाकों में 7 लोगों की मौत हो गई थी।