सोनग्राफी सेंटरों पर सरकार का शिकंजा

May 23, 2016

भोपाल। पी.सी. एण्ड पी.एन.टी. राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में राज्य मंत्रालय में संपन्न हुई। बैठक में बताया गया कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम में पर्यवेक्षण दल गठित किया गया है। बैठक में दल द्वारा राज्य में की गई निरीक्षण की कार्यवाही की जानकारी दी गई। ये दल पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. अधिनियम के तहत अल्ट्रा सोनाग्राफी केंद्र संचालन तथा संधारित दस्तावेज का निरीक्षण कर राज्य सक्षम प्राधिकारी को प्रतिवेदन देते हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि गत वर्ष राज्य में अधिनियम के तहत केंद्र सील किए गए। एक केंद्र का पंजीयन निरस्त किया गया और 21 केंद्र को कारण बताओ नोटिस दिए गए।

गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (लिंग प्रतिबंध) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से अब जिलों को एमपी.ऑनलाइन पी.सी. पी.एन.डी.टी. पोर्टल का लाभ मिल रहा है। जानकारी दी गई कि राज्य में एक जनवरी, 2016 से पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी.अधिनियम में पंजीयन और रिकार्ड के ई-रिपोर्टिंग के लिए एम.आई.एस. का क्रियान्वयन हो रहा है। इसके लिए एम.पी. ऑनलाईन के जरिये से जिलों के अमले को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। अधिनियम में अल्ट्रा सोनोग्राफी केंद्र, अनुवांशिक परामर्श केंद्र का पंजीकृत होना अनिवार्य है। केंद्र द्वारा निर्धारित प्रारूप में दैनिक प्रतिवेदन कलेक्टर और जिला सामुदायिक प्राधिकारी को देना आवश्यक है। पूर्व में यह कार्य मेन्युअली किये जाने की व्यवस्था थी। स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को बेबसाईट के यूजर और पासवर्ड उपलब्ध करवाए हैं। पोर्टल में केंद्रों के पंजीयन की कार्यवाही दर्ज की जा रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग हमारी बिटिया अभियान में लिंग परीक्षण और लिंग आधारित गर्भपात की सूचना देने वालों को नगद पुरस्कार देने की त्रि-स्तरीय योजना संचालित कर रहा है। पूर्व में ऐसे अवैध कार्य की सूचना देने वाले व्यक्ति को ही पुरस्कृत करने का प्रावधान था। सफल स्टिंग आपरेशन के लिए पुरस्कार राशि दो किश्त में दी जाती है। पुरस्कार योजना में संबंधित गर्भवती महिला और सहयोगी भी पुरस्कार के पात्र हैं। स्टिंग आपरेशन के एक लाख रूपए के पुरस्कार में समुचित प्राधिकारी के सत्यापन के बाद प्रथम किश्त में मुखबिर को 50 हजार, गर्भवती महिला और उसके सहयोगी को 10-10 हजार की राशि दी जाएगी। न्यायालय में अपराध सिद्व होने पर द्वितीय किश्त में भी पुरस्कार राशि की यही व्यवस्था है। सिर्फ मुखबिर की ओर से स्टिंग आपरेशन किए जाने पर समुचित प्राधिकारी सत्यापन की कार्यवाही करता है। इसके बाद प्रथम किश्त की राशि 50 हजार रूपए और न्यायालय में अपराध सिद्व होने पर द्वितीय किश्त की राशि 50 हजार देने का प्रावधान है।

 

बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, सचिव श्रीमती सूरज डामोर, सामाजिक न्याय सचिव डॉ. मनोहर अगनानी, प्रबंध संचालक स्वास्थ्य मिशन श्री किरण गोपाल, संचालक स्वास्थ्य डॉ. के.के.ठस्सू सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।   

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