सीपीए को पुनर्जीवन, शिवराज के फैसलों को पलट रहे मोहन

Sep 01, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 1 सितंबर। मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल के विकास और रखरखाव के लिए बनाया गया राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव अपनी ही पार्टी की पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्.काल में बंद किए गए सीपीए को फिर शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार से भी मदद की बात कर ली है। उनके इस निर्णय को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फैसलों को बदलने वाला माना जा रहा है।

नवंबर 1956 में मध्यप्रदेश का गठन होने और भोपाल राजधानी बनने के बाद भोपाल शहर का विकास राजधानी के अनुसार किया जाना बड़ी चुनौती थी। इसीलिए राजधानी परियोजना प्रशासन (सीपीए) का गठन किया गया। इस विभाग की जिम्मेदारी भोपाल में सड़कों, इमारतों, पार्कों आदि का निर्माण और उनका रखरखाव था। सीपीए के नियम कानून कुछ इस तरह बनाए गए थे कि कामकाज के लिए टेंडर और वित्तीय व्यवस्था की प्रक्रिया सरकार के अन्य विभागों की तुलना में सरल है। इसलिए शहर के विकास के लिए नगर निगम और भोपाल विकास प्राधिकरण तथा लोक निर्माण विभाग होने के बाद भी सीपीए के पास बहुत काम था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2021 मे शहर की सड़कों की बदहाल हालत देखी तो सीपीएम को बंद करने का आदेश सुना दिया। मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल हुआ और अप्रैल 2022 में सीपीए को भंग कर राजधानी की सड़कों, इमारतों और पार्कों की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी और वन विभाग को सौंप दी गई।

अब मुख्यमंत्री डा मोहन यादव सीपीए को फिर शुरू करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक अमले को निर्देश दे दिए हैं बल्कि केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस संस्था को पुनर्जीवित करने और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है।सीएम के मुताबिक केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में राज्य शासन को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। सीपीए को फिर से जीवित करने के पीछे मुख्यमंत्री डा मोहन यादव की सोच चाहे जो हो लेकिन इस निर्णय को पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फैसलों को पलटने के तौर पर ही देखा जा रहा है।

 

 

 

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