सीएम मोहन यादव पिता के उठावने वाले दिन भी जुटे रहे कामकाज में

Sep 05, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 5 सितंबर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पुत्र धर्म और राजधर्म दोनों निभाते हुए नजर आ रहे हैं। बुधवार को पिता के उठावने और अस्थि विसर्जन वाले दिन भी सीएम पूर्व निर्धारित सरकारी कार्यक्रमों और बैठकों में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने भोपाल में निर्माण उद्योग विकास परिषद द्वारा आयोजित कॉन्फ्रेंस को उज्जैन से वर्चुअली संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने अधोसंरचना निर्माण में नवाचारों का समावेश" विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस का उज्जैन से वर्चुअली शुभारंभ भी किया। कांफ्रेंस में सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक प्रगति के मार्ग पर पूरी रफ्तार के साथ दौड़ रहा है। अधोसंरचना का काम रीढ़ की हड्डी की तरह होता है, जिस पर आर्थिक और समावेशी विकास की नीतियां आकार लेती है। प्रौद्योगिकी की ताकत को पहचाने, इसका सदुपयोग कर समाज हित में संकल्प को पूर्णता प्रदान करे ताकि इस पीढ़ी के साथ आने वाली पीढ़ी भी लाभान्वित हो सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अधोसंरचना के क्षेत्र में समावेशी विकास की गुंजाइश पर आयोजित कॉन्फ्रेंस बुनियादी ढांचे, पर्यावरण, स्वास्थ्य, नवाचारों आदि संभावनाओं पर समग्र रूप से विचार किया जाए। नवीन प्रौद्योगिकी के युग में एक प्लेटफार्म पर निरंतर विचार विमर्श से ही समावेशी विकास के नए मार्ग एवं द्वार खुलेंगे। प्रदेश और निर्माण की बेहतरी के लिए हर संभावना को तलाशा जाए। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के संकट से बचाव के लिए प्रभावी और लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर हमे जोर देना होगा। नई विधाएं अपनाकर निर्माण की गति भी बढ़ानी होगी। निर्माण के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। निर्माण लागत और संसाधन को कम करने में भी सुधार की गुंजाइश हैं। आज पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्री और निर्माण प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता है। मौसम आधारित निर्माण पर भी समग्र रूप से विचार करने की जरूरत हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए सभी को अभिनंदन और बधाई दी। उन्होंने कहा कि सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को समर्पित शिक्षक दिवस पर आज हमें नई प्रेरणा मिलेगी। आप सभी जानते हैं भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा का विशेष महत्व हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने गुरु पूर्णिमा का पर्व भी शासकीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। प्रसन्नता की बात है कि कुलपतियों का नाम परिवर्तित कर अब कुलगुरु किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अनुसंधानकर्ता, वैज्ञानिक गुरु की भांति हैं। अनुसंधान और शोध के  क्षेत्र में जनहित की भावना का संकल्प आदिकाल से ही हमारी परंपरा में रहा हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास उज्जैन में विधायक सतीश मालवीय, उज्जैन संभागायुक्त संजय गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक संतोष कुमार सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहें।

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