सीएम मोहन यादव दलित परिवार को सांत्वना देने बारौदिया नोनागिरि गांव पहुंचे
खरी खरी संवाददाता
सागर, 29 मई। सागर जिले के खुरई क्षेत्र के गांव बारौदिया नोनागिरि में एक दलित युवक राजेंद्र अहिरवार की हत्या और उसका शव लेकर जा रही एंबूलेंस से गिरकर उसकी भतीजी अंजना की मौत का मामला सियासी रंग में रंगता जा रहा है। कांग्रेस सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के मृतका अंजना के अंतिम संस्कार में शामिल होने और उसके बाद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर सांत्वना देने से सियासी माहौल गर्मा गया। इसके चलते मुख्यमंत्री डा मोहन यादव बुधवार को बरौदिया नोनागिर गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को 8 लाख 25 हजार रुपये की सहायता स्वीकृत की है। इसके अलावा बरौदिया नोनागिर में पुलिस चौकी खोलने और पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बीते शनिवार को बरौदिया नोनागिर निवासी राजेंद्र अहिरवार का गांव में पप्पू रजक व अन्य ग्रामीणों से विवाद हो गया था। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच हुई मारपीट में घायल राजेंद्र की मौत हो गई थी। दूसरे दिन राजेंद्र के शव को सागर से बरौदिया नोनागिर लेकर जा रही उसकी भतीजी अंजना अहिरवार की एंबुलेंस से गिरकर मौत हो गई। घटनाक्रम के बाद सोमवार को अंजना के अंतिम संस्कार में पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह शामिल हुए थे, जबकि दूसरे दिन मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी बरौदिया नोनागिर पहुंच कर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। उन्होंने पीड़ित परिवार के स्वजनों की राहुल गांधी से फोन पर बात भी करवाई थी। कांग्रेस की इस सक्रियता को देखते हुए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव बुधवार की सुबह गांव पहुंचे। उनके साथ खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, क्षेत्रीय विधायक भूपेंद्र सिंह, विधायक निर्मला सप्रे, विधायक प्रदीप लारिया तथा प्रशासनिक अमला भी था। मुख्यमंत्री सबसे पहले मृतका अंजना अहिरवार के घर पहुंचे और उनके स्वजन से मुलाकात कर शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। इसके बाद उन्होंने अंजना अहिरवार के चाचा मृत राजेंद्र अहिरवार के स्वजनों से मुलाकात की। तत्पश्चात सीएम राजेंद्र अहिरवार की हत्या के आरोपित पप्पू रजक के घर भी गए और उनके स्वजनों से मुलाकात की। पप्पू रजक का भोपाल के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
गांव में विवाद के बाद फिलहाल शांति है। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।पीड़ित परिवार ने प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताया। उन्होंने सीएम को बताया कि देवेंद्र अहिरवार की हत्या के मामले में शामिल सभी आरोपितों के नाम पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है। वहीं अंजना की मौत के मामले में भी जांच की मांग की। आरोपितों के मकान जमींदोज करने की मांग की गई। मुख्यमंत्री ने तत्काल ही मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को 8 लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की, जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आधी राशि 4 लाख 12 हजार 500 बैंक खाते में जमा होगी। शेष आधी राशि चालान प्रस्तुत होने पर देने का आदेश जारी किया। क्षेत्रीय विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि अंजना को एंबूलेंस से कूदने के लिए उकसाया गया है। इसलिए पूरे मामले की इस एंगल से भी जांच की जाएगी। एंबूलेंस से गिरने के पहले अंजना की किससे और क्या बात हुई थी।