सीएम मोहन यादव जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए जनभागीदारी से अभियान चलाएंगे
खरी खरी संवाददाता
इंदौर, 2 फरवरी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि तालाबों व जल स्त्रोतो के संरक्षण के लिए प्रदेश में जनभागीदारी से गतिविधियों को अभियान का रूप दिया जाएगा। इंदौर के तालाबों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य वेटलैंड क्षेत्रों को रामसर साइट के रूप में घोषित कराने का प्रयास किया जाएगा। मुख्यमंत्री विश्व वेटलैंड दिवस 2024 पर इंदौर के रामसर साईट सिरपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के सभी देशों में केवल भारत में ही देश को माता स्वरूप माना जाता है। वसुधैव कुटुम्बकम का सिद्धांत यह प्रतिपादित करता है कि संपूर्ण वसुधा हमारे लिए कुटुम्ब के समान है। हमारी संस्कृति में सभी प्रकार के जीव-जंतु, नदी-पहाड़-पर्वत में ईश्वर का स्वरूप माना गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पौधों में जीवन होने के तथ्य को प्रमाणित करने वाले नोबल पुरस्कार से सम्मानित वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना ने कहा था कि पेड़-पौधों में प्राण होने का विश्वास भारतीय मानस में सांस्कृतिक रूप से रचा-बसा है। उन्होंने विश्व में इस मान्यता को स्थापित करने मात्र के लिए वैज्ञानिक रूप से इसे प्रमाणित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि काल के प्रवाह में आई विसंगतियों के परिणामस्वरूप हमारे प्राकृतिक संसाधन प्रदूषित हुए। इंदौर में 300 साल पहले निर्मित हुआ सिरपुर तालाब पेयजल की आपूर्ति करता था। बदली जीवनशैली के परिणामस्वरूप घरों से निकलने वाले वेस्ट वॉटर के कारण हमारे कई जल स्त्रोत प्रदूषित हुए हैं। परिणामस्वरूप केवल जल ही नहीं खराब हुआ अपितु सम्पूर्ण पारस्थितिकी तंत्र में असंतुलन आया है, पेड़-पौधे-पक्षी प्रभावित हुए हैं। इस परिस्थिति में इन जल स्त्रोतों को बचाने की बहुत आवश्यकता है। यशवंत सागर, रामसर साइट पहले से ही था और सिरपुर भी रामसर साइट बना है। अब इंदौर को रामसर सिटी बनाने की बात स्वागत और बधाई योग्य है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल स्त्रोतों में परस्पर संबंध होने के परिणामस्वरूप इंदौर के तालाबों की परिस्थिति में सुधार से क्षिप्रा नदी में भी सुधार आएगा। जल का बढ़ता दुरूपयोग हम सभी के लिए चिंता का विषय है। इसमें सुधार के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वित रूप से कार्ययोजना बनाकर समाज को साथ लेते हुए इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार तालाबों को बचाने के पुनीत कार्य में रामसर सचिवालय को हरसंभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहेगी।