सीएम ने पलटे डायरी के पन्ने और हेल्थ कमिश्नर हजेला पर गिर गई गाज
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 अप्रैल। कोरोना की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस चौबीसो घंटे प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में किसी भी स्तर पर थोड़ी सी भी लापरवाही नाकाबिले बर्दाश्त होगी। चलती बैठक में प्रदेश के हेल्थ कमिश्नर को कार्यमुक्त किए जाने का आदेश देकर मुख्यमंत्री ने इसका संकेत भी दे दिया। हेल्थ कमिश्नर प्रतीक हजेला मुख्यमंत्री के पूछने पर अपडेटेड जानकारी नहीं दे पाए तो.... हर जानकारी अपनी निजी डायरी के पन्नों में दर्ज कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नाराज हो गए और उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया, साथ ही मुख्य सचिव को कह दिया कि मीटिंग में उन्हीं अफसरों को बुलाएं जो पूरी तरह से अपडेट हों। इस घटना से प्रशासनिक अमला सकते में आ गया है।
कोरोना के कारण लाकडाउन के चलते राजधानी में सन्नाटा सा पसरा है। सरकारी दफ्तरों में छुट्टी है, इसलिए प्रदेश के प्रशासनिक मुख्यालय वल्लभ भवन के चारों ओर खमोशी है। लेकिन इस खामोशी के बीच मंत्रालय की नई एनेक्सी के पांचवे माले पर वार रूम जैसी स्थिति है। इस माले पर मुख्यमंत्री का कार्यालय है। यहां लगातार बैठकें हो रही हैं और रणनीति बन रही है। यह वार रूम देश की राजधानी दिल्ली में पीएमओ तक से जुड़ा है तो प्रदेश में सभी जिलों के कलेक्टर-एसपी-सीएमओ और उनके कार्यालय इसके राडार पर हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव खुद लगातार इस वार रूम के संपर्क में हैं। दोनों ही पूरी तरह से अपडेट रहते हैं। सख्त औऱ स्पष्ट निर्देश हैं कोई कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। ऐसी ही एक बैठक में जब मुख्यमंत्री के पूछने पर हेल्थ कमिश्नर प्रतीक हजेला ने मृतकों, पीड़तों, संदिग्धों, राहत सामग्री की खरीदी और जिलों तक उपलब्धता के आंकड़े दिए तो मुख्यमंत्री को कुछ संदेह हुआ। इन दिनों हर सूचना अपनी निजी डायरी में नोट कर रहे मुख्यमंत्री चौहान ने तुरंत अपनी डायरी के पन्ने पलटे। इसके बाद कुछ और जानकारियां हजेला से मांगी। इनका मिलना भी मुख्यमंत्री की डायरी में दर्ज आकंड़ों से नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री का पारा गर्म हो गया। उन्होंने तुरंत पास में बैठे चीफ सेकेट्री इकबाल सिंह बैस की ओर नाराजगी भरे अंदाज में देखा और कहा कि ऐसे अफसरों को मीटिंग में मत बुलाया करें जो अपडेट नहीं हैं। उन्होंने हेल्थ कमिश्नर को हटाने के लिए कह दिया। थोड़ी देर में बैठक खत्म हो गई और 1995 बैच के आईएएस अफसर प्रतीक हजेला की हेल्थ से विदाई के आदेश हो गए। उन्हें बिना विभाग के मंत्रालय में पदस्थ कर दिया गया। कुछ समय बाद फैज अहमद किदवाई को स्वास्थ्य कमिश्नर का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया। कोरोना के खिलाफ जंग के दौरान पहली बार किसी बड़े अफसर पर कार्रवाई हुई है। इससे प्रशासनिक अमले में सन्नाटा खिंच गया है, हालांकि सीएम ने बाद में कहा कि अधिकारी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
कमिश्नर हेल्थ की विदाई और मुख्य सचिव को कड़े निर्देश साफ बताते हैं कि मुख्यमंत्री कोरोना मामले में थोड़ी भी ढील बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। इसके पहले इंदौर के कलेक्टर और एसएसपी की विदाई करके भी वे इसके संकेत दे चुके थे। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि कोरोना को लेकर प्रदेश में भले ही सब कुछ नियंत्रण में होने का दावा किया जा रहा है लेकिन आए दिन जिस तरह के नए मामले आ रहे हैं उससे जनता के साथ सरकार भी सकते में है। नई सरकार ने तो भी चलना शुरू ही किया है और वह अभी अपने माथे पर दाग नहीं लगाना चाहती है।