सीएम के उपवास के जवाब में सिंधिया का सत्याग्रह
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 15 जून। मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन भले ही थम गया है, लेकिन किसानों के नाम पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क 24 घंटे के उपवास का जवाब देने के लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में भोपाल में 72 घंटे का सत्याग्रह शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भेल के दशहरा मैदान में उपवास पर बैठे तो सिंधिया का सत्याग्रह टीटी नगर दशहरा मैदान पर शुरू हुआ है।
कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में 72 घंटे का सत्याग्रह तब शुरू किया जब प्रदेश में किसान आंदोलन थोड़ा शांत हुआ है और हिंसा थमने लगी है। सिधिया के सत्यग्रह को पार्टी के नेताओं के समर्थन तथा कार्यकर्ताओं की भीड़ तथा उतस्हा देखकर लग रहा है कि पार्टी 2018 के चुनाव को लेकर संजीदा हो गई है। हालांकि पार्टी के दिग्गज नेताओं के एक मंच पर एक साथ होने का कार्यकर्ताओं का ख्वाब अभी पूरी तरह से पूरा नहीं हो रहा है। सिंधिया ने भोपाल में सत्याग्रह शुरू करने से पहले मंदसौर जाकर पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने उन्हें मंदसौर जिले में प्रवेश नहीं करने दिया और जावरा टोल नाके पर ही रोक लिया। इससे नाराज सिंधिया पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद कांतिलाल भूरिया के साथ वहीं पर धरना दिया। इसके चलते पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। बाद में उन्हें मुचलके पर छोड़ दिया गया।
इंदौर से भोपाल के रास्ते में भी सिंधिया ने आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। भोपाल में धरना स्थल पर पहुंचने से पहले सिंधिया फँदा में हुए किसान प्रदर्शन के दौरान पुलिस की पिटाई से घायल वृद्धा को देखने गए। सत्याग्रह में शामिल कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि वे किसानों की लड़ाई लड़ने आए हैं और पूरी कांग्रेस किसानों के साथ है। सिंधिया के साथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, सांसद विवेक तनखा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित अन्य कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। पार्टी के सभी बड़े नेताओं के भी सत्याग्रह में आने का कार्यक्रम है।