सियासत का सफेद शेर हमेशा के लिए शांत हुआ

Jan 19, 2018

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 19 जनवरी। कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी का आज गुरुग्राम के एस्कार्ट फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। उन्होंने लगभग अपह्रान 4 बजे अंतिम सांस ली। कई दिनों बीमार चल रहे श्री तिवारी को मंगलवार को रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, जिसके चलते परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां पर चिकित्सकों ने भर्ती कर लिया था। गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों की सलाह पर बुधवार को उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था और गुरुग्राम के एस्कार्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मूलतः समाजावदी श्री तिवारी 1952 में सबसे कम उम्र में विधानसभा के सदस्य बने थे। उन्हें विंध्यप्रदेश की विधानसभा के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से चुना गया था। 
वे सन 1972 में समाजवादी पार्टी से मध्‍यप्रदेश विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए और सन 1973 में इंदिरा गांधी के कहने पर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। सन 1977, 1980 एवं 1990 में विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए। सन 1980 में अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के मंत्री रहे। श्री तिवारी 1990 से 92 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष तथा 1993 से 1998 तक और 1998 से 2003 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। अपनी धाकड़ कार्यशैली के लिए श्रीनिवास तिवारी इतने विख्यात थे कि उन्हें सियासत का सफेद शेर कहा जाता था। उन्हें संसदीय और विधायी विषयों का बहुत ज्ञान था। उनका प्रभाव इस कदर था कि विधानसभा अध्यक्ष के रूप में उनके दस साल के कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिह ने कभी भी उनकी कोई बात नहीं टाली और उन्होंने मौका पड़ने पर आसंदी से सीएम ही नहीं पूरी सरकार को नसीहत देने में कोताही नहीं बरती।

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