सिंधिया रियासत की राजमाता माधवी राजे का निधन
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 15 मई। ग्वालियर रियासत की राजमाता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का बुधवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। निमोनिया के साथ-साथ सेप्सिस से भी पीड़ित राजमाता सिंधिया का बीते करीब तीन महीने से एम्स में इलाज चल रहा था। वे पिछले कुछ दिनों से वेंटीलेटर पर थीं। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को ग्वालियर में किया जाएगा।
नेपाल के राजघराने से सम्बद्ध माधवी राजे का विवाह ग्वालियर राजघराने के तत्कालीन युवराज माधव राव सिंधिया से 1966 में हुआ था। शादी से पूर्व उनका नाम राजकुमारी किरण राज लक्ष्मी था। शादी के बाद सिंधिया रियासत की परंपरा के अनुसार उनका नाम बदलकर माधवी राजे सिंधिया हो गया। शादी के बाद वे ग्वालियर के राजकुमार की पत्नी होने के कारण राजकुमारी कहलाईं। पति माधवराव सिंधिया के महाराज बनने के बाद वे ग्वालियर की महारानी हो गईं और पति के निधन के बाद बेटे ज्योतिरादित्य के महाराज बनने पर वे राजमाता कही जाने लगीं। सिंधिया रियासत के कई सदस्यों के राजनीति में सक्रिय होने के बाद भी माधवी राजे का रुझान कभी राजनीति की ओर नहीं था। पति माधवराव सिंधिया की राजनीति में सक्रियता में वे सहभागी रहीं लेकिन उनकी व्यस्तता सामाजिक कार्यों में ज्यादा रही। साल 2004 में माधवराव जी के आकस्मिक निधन पर उनके सियासत में उतरने की खूब चर्चाएं हुई लेकिन उन्होंने ग्वालियर की राजसत्ता के साथ साथ पति की सियासी विरासत भी बेटे ज्योतिरादित्य को सौंप दीं। पिता के स्थान पर ज्योतिरादित्य महाराज और सांसद तथा केंद्रीय मंत्री हो गई। माधवीराजे राजमाता बनकर सामाजिक कार्यों में ही सक्रिय रहीं।
सीएम मोहन यादव ने माधवी राजे के निधन पर दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया 'एक्स' पर लिखा, "भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की पूज्य माता जी श्रीमती माधवी राजे सिंधिया जी के निधन का हृदय विदारक समाचार प्राप्त हुआ. मां जीवन का आधार होती हैं, इनका जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है. बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं.।।ॐ शांति।।"