समय पर प्रोजेक्ट डिलवरी के मास्टर अनुराग जैन एमपी के नए सीएस बने
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 30 सितंबर। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सड़क परिवहन मंत्रालय में सचिव के पद पर पदस्थ 1989 बैच के आईएएस अफसर अनुराग जैन मध्यप्रदेश के नए चीफ सेकेट्री होंगे। वे वीरा राणा का स्थान लेंगे जिनका कार्यकाल दो बार के एक्सटेंशन के बाद 30 सितंबर को समाप्त हो गया। प्रदेश के नए प्रशासनिक प्रमुख अनुराग जैन एक अक्टूबर से काम काज संभालेंगे। सीएस की रेस में राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा अंततः अपने से वरिष्ठ अनुराग जैन से पीछे रह गए। अनुराग जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डा मोहन यादव दोनों की ही पसंद का अधिकारी माना जाता है। शांत स्वभाव और ईमानदार छवि तथा प्रोजेक्ट की समय पर डिलेवरी उनकी सबसे बड़ी खूबी है।
मध्यप्रदेश के चीफ सेकेट्री के रूप में अनुराग जैन की पोस्टिंग की कवायद तब भी हुई थी जब इकबाल सिंह बैंस का रिटायरमेंट हुआ था। उस समय केंद्र की हर झंडी नही मिलने के कारण उनके स्थान पर वीरा राणा को सीएस बनाया गया था। वीरा राणा को दो बार एक्सटेंशन भी दिया गया। इस बीच मुख्यमंत्री डा मोहन यादव की अनुराग जैन से दिल्ली में मुलाकाते हुईं और उन्हें एमपी वापस लाने की कोशिश शुरू हुई। इस बार भी केंद्र से हरी झंड़ी नहीं मिलने की आशंका बनी थी, क्योंकि अनुराग जैन प्रधानमंत्री की गुड बुक में थे और उनकी कल्पना के कई प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचा रहे थे। इसलिए 1991 बैच के राजेश राजौरा के नाम पर भी विचार किया गया। सीएम ने कुछ समय पहले जब राजौरा को एसीएस होम से हटाकर सीएम सचिवालय में पदस्थ किया तब लगा कि राजौरा का सीएस बनना तय है. क्योंकि उस समय सीएम सचिवालय में राघवेंद्र सिंह और संजय शुक्ला जैसे दो पीएस भी पोस्टेड थे। ऐसे में वीरा राणा का कार्यकाल समाप्त होने के दिन नजदीक आने पर भी राजेश राजौरा को परंपरा अनुसार ओएसडी नहीं बनाया गया तो उनके सीएस बनने पर सवाल उठने लगे। ऐसे में गृह विभाग के एसीएस एस एन मिश्रा का नाम भी चलने लगा तथा वीरा राणा को तीसरा एक्सटेंशन दिए जाने की चर्चा भी चलने लगी। लेकिन वीरा राणा के कार्यकाल के आखिरी दिन तक कोई आदेश नही निकला। दोपहर तक राजेश राजौरा को सीएस बनाए जाने की चर्चाएं जोर पकड़े रहीं, लेकिन उसके बाद अचानक अनुराग जैन की वापसी की चर्चा गर्म हो गई और शाम होते होते उनके सीएस बनने का फैसला हो गया। तकनीकी कारणों से अधिकृत निर्णय मे देरी के चलते अनुराग जैन दिल्ली से भोपाल नहीं आ सके। अब उनका भोपाल आगमन 1 अक्टूबर को सुबह होगा।
मूलतः मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के निवासी अनुराग जैन मंडला, मदंसौर और भोपाल जिलों के कलेक्टर रहे हैं। साल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन आईआईटी खड़गपुर में बीटेक ऑनर्स इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 1986 बैच के मैरिट होल्डर रहे हैं। वे मैरिट सूची में दूसरे नंबर पर थे। इसके बाद उन्होंने 2005 में मैक्सवेल स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ सिरैक्यूज, यूएसए से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री की। अनुराग जैन राष्ट्रीय स्तर के टेनिस खिलाड़ी रहे हैं। वह राष्ट्रीय स्तर पर 11 मेडल जीत चुके हैं। साथ ही क्रिकेट के क्षेत्र में भी उन्होंने एमपी का प्रतिनिधित्व किया है। ई-गवर्नेंस को लेकर भी उन्हें केंद्र से अवॉर्ड मिल चुका है। अनुराग जैन ने केन्द्र सरकार के वित्त विभाग में ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में 29 जून 2011 से 5 जनवरी 2015 तक सेवाएं दीं। अनुराग जैन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पसंदीदा अधिकारियों की सूची में शामिल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के संयुक्त सचिव के रूप में सूचना प्रोद्योगिकी, संचार, कृषि, खाद्य एवं उपभोक्ता मामले, रसायन एवं उर्वरक, श्रम जैसे कई विभागों में काम किया है। प्रधानमंत्री जन धन जैसी सफल योजना का श्रेय अनुराग जैन को ही दिया जाता है। मध्य प्रदेश में रहते उन्होंने सार्वजनिक सेवा वितरण गारंटी अधिनियम को लागू कराया, जिसे बाद में कई राज्यों ने अपनाया। मध्य प्रदेश में रहते हुए अनुराग जैन ने कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है. वित्त के मामले में उनकी गहरी समझ हैं। उम्मीद है कि उनके आने के बाद मध्य प्रदेश की आर्थिक सेहत में सुधार होगा।