सज गया चौथे चरण का रण, मप्र की आठ सीटों पर 74 प्रत्याशियों का होगा फैसला
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 12 मई। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मध्यप्रदेश की आठ सीटों पर मतदान होगा। सभी सीटें प्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल की हैं। यह मध्यप्रदेश में आखिरी चरण होगा। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 29 सीटों पर वोटिंग पूरी हो जाएगी। इस चरण में 6 सांसदों और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री सहित 74 प्रत्याशियों की सियासी किस्मत का फैसला1.63 करोड़ मतदाता करेंगे। इन 8 सीटों में इंदौर पर पूरे देश की निगाहें लगीं हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने ऐन वक्त पर नाम वापस लेकर कांग्रेस को चुनाव मैदान से बाहर कर दिया। कांग्रेस ने इसके लिए बीजेपी को दोषी ठहराया है और नोटा के लिए वोटिंग के समर्थन में अभियान छेड़ रखा है।
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्यप्रदेश की आठ सीटें देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा शामिल हैं। मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि चौथे चरण की वोटिंग के लिए सारी तैयारियां पूरी हो गई हैं। उन्होंने इस चरण में वोटिंग प्रतिशत और बढ़ने की उम्मीद जताई है। चौथे चरण की आठ सीटों के 74 प्रत्याशियों में 69 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा। चौथे चरण की सभी 8 सीटें वर्तमान में बीजेपी के कब्जे में हैं। इस बार भी सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा होने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के अचानक मैदान छोड़ देने से सियासत गर्मा गई है। रणक्षेत्र से बाहर हो चुकी कांग्रेस ने इसके लिए खुले तौर पर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। इसलिए कांग्रेस ने नोटा के पक्ष में वोटिंग का अभियान छेड़ दिया है। इस अभियान के बाद भी कांग्रेस कहीं मुकाबले में नहीं है, लेकिन उसके अभियान ने बीजेपी को दहशत में ला दिया है। पार्टी के नेता नोटा के प्रचार अभियान की धार को कमजोर करने की हर संभव कोशिश में जुट गए हैं। इस चरण में उज्जैन सीट पर भी अब महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि उज्जैन लोकसभा क्षेत्र की आठ में से एक विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व प्रदेश के मुख्यमंत्री डा मोहन यादव करते हैं। उज्जैन सीएम मोहन यादव का गृह नगर भी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा। रतलाम झाबुआ सीट से प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया जातीय समीकरणों और स्थानीय मुद्दों की दम पर अपनी जीत की संभावना जता रहे हैं। वहीं बीजेपी मोदी की गारंटी की दम पर एक बार फिर सभी सीटें अपनी झोली में डालना चाहती है। इंदौर, उज्जैन, रतलाम के अलावा अन्य 5 सीटों खंडवा, खरगोन, धार, देवास, मंदसौर पर मुकाबला मोदी की गारंटी पर ही है। बीजेपी के प्रत्याशी और नेता कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाकर सभी सीटें जीतने की कोशिश में लगे हैं। वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रही है।