आरएसएस ने तय किया मप्र और छत्तीसगढ़ के लिए भाजपा का एजेंडा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 7 फरवरी। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने आने वाले एक साल के लिए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों ही राज्यों में भाजपा का एजेंडा तय कर दिया है। भोपाल में हुई दो दिन की संघ की उच्च स्तरीय समन्वय बैठक में संघ सुप्रीमो मोहन भागवत की मौजूदगी में यह एजेंडा तय किया गया। इसके लिए संघ और भाजपा के तमाम नेताओं के साथ संघ के जुड़े तमाम अनुशांगिक संगठनों के प्रमुख लोग भी बैठक में मौजूद रहे। इस एजेंडे के चलते भाजपा दोनों प्रदेशों में सीएए को लेकर जनजागरण अभियान तेज करेगी और आदिवासियों को हिंदुत्व के साथ जोड़ने पर जोर दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे दो बड़े राज्यों में भाजपा के सत्ता से बाहर होने का मंथन अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कर रहा है। संघ के सुप्रीमो सरसंघ चालक मोहन भागवत की 6 दिवसीय मप्र यात्रा के दौरान भोपाल के शारदा विहार में तीन दिन इसी पर मंथन हुआ। इसमें संघ के चारों प्रांतों मध्यभारत, महाकौशल, मालवा और छत्तीसगढ़ के संघ के सभी अनुशांगिक संगठनों के पदाधिकारी इस मंथन में शामिल हुए। आखिरी दो चारों प्रांतो के भाजपा के प्रमुख नेताओं को बैठक में बुलाया गया था। इनमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह भी शामिल थे। बैठक में संघ प्रमुख ने आने वाले एक साल के लिए एजेंडा तय किया। इस एजेंडे के तहत सीएए जैसे मुद्दों पर भाजपा आक्रामक ढंग से जनजागरण अभियान चलाएगी। संघ ने एक बड़ा टारगेट यह भी दिया है कि 2020 की जनगणना में सभी आदिवासियों का धर्म हिंदू लिखा जाए। संघ प्रमुख ने यह एजेंडा तय करते हुए कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे सामर्थ्यवान स्वयंसेवक खड़े करने हैं, जो परिस्थिति के साथ स्वयं की भूमिका को तय करने के लिए तैयार रहें। राष्ट्र विरोधी ताकतें देश के माहौल को खराब करना चाहती हैं। ऐसी राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क रहें, डटकर मुकाबला करें, युवाओं को, समाज को इन राष्ट्र विरोधी साजिशों से सतर्क करें। साफ है कि संघ प्रमुख का इशारा क्या है। हालांकि भाजपा का मानना है कि सब कुछ पहले से चल रहा है। संघ प्रमुख के मध्यप्रदेश दौरे और इसी तरह की समन्वय बैठकों को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पहले से ही अलर्ट है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद पहले ही कह दिया था कि संघ प्रमुख आएं और रहे, उनका स्वागत है लेकिन सीएए जैसे मुद्दों को उठाकर प्रदेश की शांति को भंग न करें। मुख्यमंत्री की इसी चिंता में कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी अपने सुर मिलाए हैं। कांग्रेस को लगता है कि संघ ने जिस तरह के फैसले इस बैठक में लिए हैं, उसे लागू करने के लिए भाजपा प्रदेश की शांति बिगाड़ने का काम कर सकती है।
जनगणना में आदिवासियों को हिंदू धर्म से जोड़ने का ऐजेंडा थमाकर संघ ने बहुत दूर की चाल चली है। संघ के इसी एजेंडे पर चलकर सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों पर भाजपा के पक्ष में माहौल खड़ा हो सकेगा। संघ प्रमुख ने जो एजेंडा सेट किया है उस पर चलकर भाजपा आने वाले दिनों में अपना एक बड़ा वोट बैंक खड़ा कर सकती है।