शिव सरकार उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस का गदर
भोपाल, 22 फरवरी। करीब 13 साल से मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता बहुत दिनों बाद एक मंच पर आए। नेताओं के साथ हजारों की संख्या में आई कार्यकर्ताओं की भीड़ ने जमकर गदर मचाया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने भी गिरफ्तारी दी। कमलनाथ, सिंधिया, पचौरी जैसे दिग्गज नेत बस की छत पर चढ़कर अस्थायी जेल पहुंचे तो दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता बेरीकेड्स पर चढ़ने की कोशिश में पुलिस की धक्का मुक्की का शिकार हुए।
कांग्रेस ने तमाम मुद्दों को लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और विधानसभा घेराव का ऐलान किया था। बड़े नेताओं के इस आंदोलन में आने की पक्की खबर के चलते कार्यकर्ताओं का हुजूम प्रदेश के लगभग सभी जिलों से भोपाल पहुंचा था। इसके चलते लगभग पूरा शहर कांग्रेसमय हो गया। शहर में प्रवेश के सभी रास्तों पर वाहनों की भारी भीड़ थी, तो सभा स्थल टीन शेड के आसपास का पूरा इलाका सुबह से ही अस्त व्यस्त हो गया। पुलिस और प्रशासन के पुख्ता इंतजामों के चलते कहीं कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनी। कांग्रेस के बड़े नेता 11 बजे के तय समय के बजाय करीब एक बजे दोपहर तक मंच पर पहुंच पाए। सभी नेताओं ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अब एकजुट होकर सरकार के खिलाफ हल्ला नहीं बोला तो मुश्किल हो जाएगी। नेताओं ने अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उनके परिजनों पर तमाम आरोप लगाए। वक्ताओं ने चौहान और उनके परिजन पर रेत खनन और अन्य घोटालों में लिप्त होने के आरोप लगाए। सभा के बाद जब कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने निकले तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया, इस दौरान झूमाझटकी भी हुई। कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन में लगभग तीन साल बाद एक मंच पर एकत्र हुए सभी वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि वे हर कदम पर साथ हैं और एक साथ रहेंगे। इनमें कमलनाथ, दिग्विजय, सिंधिया के साथ ही राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और कांतिलाल भूरिया भी शामिल थे।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नेताओँ को भरोसा दिलाया कि अगर सारे नेता इसी तरह एक रहे तो 2018 के चुनाव में मध्यप्रदेश की सत्ता से भाजपा को बेदखल कर देंगे। भारी संख्या में एकत्र हुए कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव कर माहौल को गर्माने की कोशिश की लेकिन हल्के लाठी चार्ज के अलावा कोई गंभीर स्थिति नहीं बनी। प्रदर्शन भले ही पूरी कांग्रेस का था, लेकिन यह नेताओं का शक्ति प्रदर्शन भी साफ लग रहा था। नेताओं की बात अनसुनी कर कार्यकर्ता अपने नेता के समर्थन में ही ज्यादा जोश खरोश के साथ नारेबाजी करते रहे। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सिंधिया खेमा आज अन्य गुटों पर भारी पड़ा। शहर में होर्डिंग पोस्टर से लेकर कार्यक्रम में हिस्सेदारी तक में सिंधिया का पलड़ा भारी दिखाई दिया।