शिव कैबिनेट में शामिल होंगे नए गण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आखिरकार लंबी प्रतीक्षा के बाद गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। दिल्ली में दिन भर की सियासी कवायद के बाद शाम को भोपाल लौटे मुख्यमंत्री ने कनफर्म कर दिया कि वे अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं। यह माना जा रहा है कि फिलहाल 8 या 9 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। किसी भी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा, यह बात सीएम खुद पहले कह चुके हैं। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि कैबिनेट विस्तार के बाद भी तीन चार जगह खाली रहेंगी, हालांकि शिवराज सिंह को समझने वाले कहते हैं कि उनके मन में क्या है, यह उनके अलावा कोई नहीं जान सकता है। इसलिए कोई भी दावा दमदारी के साथ नहीं किया जा सकता है। इस विस्तार में सबसे बड़ी चुनौती क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखना है।
पिछड़ा वर्ग और जैन समाज का मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्वहै। वहीं ब्राह्मण समाज से भी चार मंत्री कैबिनेट में हैं, लेकिन प्रदेशमें उनकी जनसंख्या के हिसाब से कम है, वहीं जैन समाज की जनसंख्या प्रदेशमें कम होने के बावजूद चार मंत्री फिलहाल कैबिनेट में हैं।
कैबिनेट में अभी कुल 22 मंत्री हैं, इनमें 18 कैबिनेट और 4 चारराज्यमंत्री हैं। इनमें गोपाल भार्गव, राजेन्द्र शुक्ल, नरोत्तम मिश्रा औरराज्यमंत्री दीपक जोशी ब्राह्मण समाज से हैं तो जैन समाज से जयंत मलैया, पारस जैन,सुरेन्द्र पटवा और शरद जैन शामिल हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग सेमुख्यमंत्री शिवराज सिंह के अलावा भूपेन्द्र ठाकुर, गौरीशंकर बिसेन, बाबूलाल गौर, कुसम मेहदले शामिल हैं तो राजपूत समाज से रामलाल सिंह और मायासिंह के नाम हैं। यशोधराराजे मराठा समाज का प्रतिनिधित्व करती हैं।आदिवासी मंत्रियों में ज्ञान सिंह, कुंवर विजय शाह, अंतरसिंह आर्य औरअनुसूचित जाति वर्ग से डाक्टर गौरीशंकर शेजवार और लाल सिंह आर्य के नामहैं। वैश्य समाज से उमाशंकर गुप्ता अकेले मंत्री हैं तो सिख समाज सेसरताज सिंह प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इसी तरह की स्थिति क्षेत्रीय संतुलन को भी लेकर भी हो रही है। मंत्रिमंडल में ग्वालियर-चंबल संभाग से यशोधरा राजे, माया सिंह, नरोत्तममिश्रा, लाल सिंह आर्य को मिलाकर चार मंत्री हैं। वहीं बुंदेलखंड से चारमंत्री हैं। इनमें गोपाल भार्गव के अलावा जयंत मलैया, भूपेन्द्र सिंह औरकुसुम मेहदेले शामिल हैं। इनमें भार्गव, भूपेन्द्र और मलैया सागर जिले के हीहैं। मालवा से कैलाश विजयवर्गीय के इस्तीफा दे देने के बाद यहां सेकेवल पारस जैन और दीपक जोशी ही मंत्री हैं। निमाड़ से अंतर सिंह आर्य और विजय शाह मंत्रीहैं। मध्यभारत इलाके से में सबसे ज्यादा दबदबा भोपाल संभाग का है। यहां सेबाबूलाल गौर, उमाशंकर गुप्ता, डाक्टर गौरीशंकर शेजवार, रामपाल सिंह औरसुरेन्द्र पटवा मंत्रिमंडल में शामिल हैं। विंध्य से ज्ञान सिंह औरराजेन्द्र शुक्ला का अभी प्रतिनिधित्व है। वहीं महाकौशल से गौरीशंकर बिसेनऔर शरद जैन का प्रतिनिधित्व है।
लेकिन सियासी समीकऱण कुछ ऐसे बन रहे हैं कि जिन क्षेत्रों का अभी ज्यादा प्रतिनिधत्व है, वहीं के दावेदारों की भीड़ है। अभी ग्वालियर चंबल में संगठन जातीय समीकरणों के पेंच में उलझ गया है। यहां सेपूर्व मंत्री रूस्तम सिंह समेत जयभान सिंह पवैया, नारायण सिंह कुशवाह औरभारत सिंह कुशवाह का नाम संगठन की सूची में है। रूस्तम सिंह प्रदेश मेंगुर्जर समाज के अकेले विधायक हैं। यही वजह थी कि उन्हें 2003 में पहली बारका विधायक होने के बाद भी मंत्री बनाया गया था और पिछली बार चुनाव हारने केबाद आयोग में एडजस्ट किया गया था। वहीं कुशवाह समाज की इस अंचल में खासीसंख्या देख नारायण सिंह का नाम भी चल रहा है। भारत सिंह का अंचल के कुछ संघनेताओं का समर्थन है। पूर्व में वे ग्वालियर ग्रामीण के अध्यक्ष भी यहचुके हैं। जयभान सिंह पवैया संघ और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की पसंद बताए जारहे हैं।