शिवराज सिंह को इकबाल सिंह बैंस की जगह नए चीफ सेकेट्री की तलाश
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 15 जनवरी। मध्यप्रदेश को नए चीफ सेकेट्री की तलाश है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भरोसेमंद चीफ सेकेट्री इस साल रिटायर होने जा रहे हैं। उनकी जगह उन्हीं जैसे भरोसेमंद अफसर की तलाश सीएम को है। प्रदेश के वर्तमान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का कार्यकाल एक साल से भी कम बचा है, वे अपना सरकारी निवास छोड़कर निजी आवास में शिफ्ट भी हो गए हैं। वैसे मुख्यमंत्री चाहें तो मुख्य सचिव को छह माह की सेवा वृद्धि मिल सकती है। लेकिन 2023 में विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र मुख्य सचिव को 6 माह का अतिरिक्त कार्यकाल दिलाने से कोई लाभ नहीं होगा। वर्तमान मुख्य सचिव जिस प्रकृति के व्यक्ति हैं वह किसी भी स्थिति में सेवा वृद्धि नहीं लेना चाहेंगे। ऐसी स्थिति में ब्यूरोक्रेसी में नए मुख्य सचिव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है। इस बात की अटकलें लगने लगी हैं कि अगला मुख्य सचिव कौन होगा। मुख्यसचिव के चयन में सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति उसके सेवाकाल की होगी। जिसमें उसे काम करने का पर्याप्त समय भी मिल सके और विधानसभा के चुनाव भी उसी मुख्य सचिव के कार्यकाल में संपन्न हो सकें। वर्तमान मुख्य सचिव 1985 बैच के हैं, इस बैच के वह आखिरी अधिकारी हैं। इसके बाद 1986 बैच के अनिल कुमार जैन, 1987 बैच के प्रवीर कृष्णा, संजय कुमार सिंह, राजेश कुमार चतुर्वेदी और अजय तिर्की हैं। यह सभी अधिकारी भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। अनिल कुमार जैन अक्टूबर 22 में संजय कुमार सिंह दिसंबर 22 में और राजेश कुमार चतुर्वेदी जुलाई 22 में रिटायर हो जाएंगे।
प्रवीर कृष्ण दिसंबर में रिटायर हो चुके हैं। अजय तिर्की दिसंबर 23 तक पद पर रहेंगे। इसी प्रकार संजय बंदोपाध्याय अगस्त 24 तक सेवा में रहेंगे। यह दोनों अधिकारी शायद मुख्य सचिव के दौड़ में नहीं रहेंगे क्योंकि उनके पास समय बहुत कम है। संजय बंदोपाध्याय का जहां तक सवाल है उनकी कमलनाथ से करीबी वर्तमान परिस्थितियों में उनके मुख्य सचिव चयन में बड़ी बाधा बनेगी। 88 बैच के आईसीपी केसरी मार्च 22 में रिटायर हो जाएंगे। इसी बैच के शैलेंद्र सिंह दिसंबर 22 में रिटायर हो जाएंगे| इसके बाद 88 बैच की अधिकारी वीरा राणा और 89 बैच के अनुराग जैन और मोहम्मद सुलेमान मुख्य-सचिव पद के प्रबल दावेदार होंगे। वीरा राणा मार्च 24 तक सेवा में रहेंगी। नया मुख्य सचिव दिसंबर 22 में पदभार ग्रहण करेग।| इस दृष्टि से वीरा राणा एक उपयुक्त दावेदार हो सकती हैं। वैसे वीरा राणा का सेवाकाल साफ सुथरा और अच्छा रहा है। पिछले दो मुख्य सचिव एसआर मोहंती और इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव बनने के पहले लूप लाइन माने जाने वाले माध्यमिक शिक्षा मंडल में पदस्थ रहे हैं। कमलनाथ सरकार आते ही एसआर मोहंती को माध्यमिक शिक्षा मंडल से मुख्य सचिव बनाया गया और वहा इकबाल सिंह बैस को पदस्थ किया गया। इसी प्रकार तख्तापलट के बाद मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान ने इकबाल सिंह बैंस को माध्यमिक शिक्षा मंडल से मुख्य सचिव बनाया।
इस दृष्टि से देखा जाए तो वीरा राणा अभी माध्यमिक शिक्षा मंडल में अध्यक्ष पद पर काम कर रही हैं| पिछले दो मुख्य सचिवों की लॉटरी को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल में पदस्थापना का लाभ शायद वीरा राणा पा सकें। अनुराग जैन भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, अनुराग जैन मध्यप्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं, हाल ही में दिल्ली जाने के पहले अपर मुख्य सचिव वित्त के रूप में काम कर रहे थे। अनुराग जैन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी माने जाते हैं। उनके सचिव के रूप में भी उन्होंने काम किया है। अनुराग जैन प्रक्रियावादी माने जाते हैं। उन्हें प्रोसीजर से ज्यादा मतलब होता है भले ही इसके कारण परिणाम में विलंब हो। सेवाकाल की दृष्टि से अनुराग जैन अगस्त 2025 तक पद पर रहेंगे। इस नजरिए से यदि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जाता है तो उन्हें काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा, और इसी दौरान विधानसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे।
1989 बैच के मोहम्मद सुलेमान वर्तमान में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण हैं। कोरोना महामारी से निपटने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुलेमान रिजल्ट ओरिएंटेड अधिकारी हैं। उन्होंने बिजली, सडक, स्वास्थ्य जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लंबे समय तक विभिन्न पदों पर काम किया है और कई नवाचार करते हुए परिणाम भी दिए हैं। सेवालाल की दृष्टि से उनका भी कार्यकाल अनुराग जैन के समान ही हैं। सुलेमान अनुराग जैन के 1 महीने पहले जुलाई 2025 में रिटायर होंगे। 1989 बैच के आशीष उपाध्याय भारत सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उन्हें दिसंबर 24 में रिटायर होना है। वर्तमान प्रशासनिक परिस्थितियों और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन अथवा मोहम्मद सुलेमान में से ही कोई मुख्य सचिव होगा।