शिप्रा के जल की गुणवत्ता बनी रहेगी , सीएम ने दोहराई प्रतिबद्धता
भोपाल, 18 मई। मध्यप्रदेश सरकार पवित्र शिप्रा के जल की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कृत संकल्पित है, ताकि लाखों श्रद्धालु बिना किसी हिचक के आचमन और स्नान कर सकें। सरकार की यह प्रतिबद्धता खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोहराई है।
गत दिवस जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द जी महाराज की भागवत कथा में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि पुण्य-सलिला क्षिप्रा के जल की गुणवत्ता लगातार बनाई रखी जायेगी। दरसल उन्नीस और बीस मई को लगातार दो पर्व स्नान और 21 मई को शाही स्नान की निरंतरता में पधार रहे लाखों लाख श्रद्धालुओं के बीच क्षिप्रा जल को स्नान और आचमन के लिए गुणवत्तापूर्ण बनाये रखना है।
उन्नीस मई को प्रदोष पर्व, बीस मई को नृसिंह जयंती और 21 मई को शाही स्नान है। इन दिनों में क्षिप्रा में बने 7,647 मीटर लंबे घाटों पर 1.20 मीटर पानी का स्तर निरंतर उपलब्ध करवाने और घाटों की सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जल और वायु प्रदूषण की सतत् निगरानी कर रहा है। इसके लिए त्रिवेणी संगम, लालपुल, रामघाट और मंगलनाथ में वॉटर क्वालिटी मानिटरिंग स्टेशन स्थापित किये गये हैं। क्षिप्रा जल की शुद्धता के लिए मुख्य स्नान स्थलों पर जल के नमूनों की जाँच का क्रम लगातार जारी है। मानिटरिंग प्रयोगशाला से मिले परिणाम सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित किये जा रहे हैं। जॉंच में पी.एच. मात्रा, आक्सीजन स्तर, रंग, गंध, आर्गेनिज्म तथा अन्य आवश्यक तत्व व घटकों की जाँच की जा रही है। घाटों की सफाई के लिए भी आधुनिकतम मशीनों और उच्च गुणवत्ता वाले केमिकल का उपयोग किया जा रहा है ।