शहला मसूद हत्याकांड में अब सीबीआई शक के दायरे में
खरी खरी संंवाददाता
भोपाल, 6 अप्रैल। जानी मानी आरटीआई एक्टिविस्ट शहला मसूद की हत्या के मामले में अब वही सीबीआई शक के दायरे में है जिसने इस मामले में जांच करके बताया था कि हत्या किसने और क्यों की थी। सीबीआई के कुछ अफसरों पर जांच से जुड़े कुछ अहम सबूत गायब करने का आरोप है। अब इस आरोप की भी जांच हो रही है।
भोपाल की तेज-तर्रार एक्टिविस्ट शहला मसूद की हत्या अगस्त 2011 में उन्ही के घर के सामने उनकी ही कार में कर दी गई थी। इस हाईप्रोफाइल हत्या का मामला जब एमपी पुलिस सुलझा न सकी तो फिर इसे सीबीआई के हवाले कर दिया गया। सीबीआई ने काफी मशक्कत के बाद हत्या की गुत्थी सुलझा ली।सीबीआई मई, 2012 में जाहिदा परवेज, सबा फारुखी, साकिब अली डेंजर, इरफ़ान और ताबिश के खिलाफ इंदौर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसके मुताबिक शहला की बीजेपी विधायक ध्रुव नारायण सिंह से करीबी के चलते सौतिया डाह में जाहिदा ने भाड़े के हत्यारों से हत्या कराई थी। इस हाई प्रोफाइल केस में अब नया मोड़ आ गया है. सीबीआई ने पुख्ता सबूत गायब कर केस को प्रभावित करने के बिंदु पर अपने ही दो वरिष्ठ अफसरों की जांच शुरू कर दी है। एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में छपी खबर के मुताबिक तब के डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने इस सिलसिले में फरवरी,2014 को ही प्रारंभिक जाँच के आदेश दे दिए थे। इनमे एक अफसर तबके डीआईजी और सुपरवाइजरी अधिकारी अरुण बोहरा हैं। सीबीआई अपने एक ज्वाइंट डायरेक्टर की भूमिका की भी जांच कर रही है। जांच की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि महत्वपूर्ण सबूतों वाले दो पेन ड्राइव गायब हैं.
हत्याकांड की जांच के दौरान सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी द्वारा सीबीआई के ध्यान में यह बात लाई गई कि 25 में से 23 पेन ड्राइव ही मिले हैं और दो गायब हैं। जांच करने वाले जूनियर ने जानकारी दी है कि जब पेन ड्राइव लिफाफे में रखे जा रहे थे तब अफसरों ने दो को निकलने के निर्देश दिए थे। यह जूनियर तब वहां मौजूद था जब पेन ड्राइव लिफाफे में पैक किए जा रहे थे। अधिकारी बताते हैं कि गायब पेन ड्राइव उस संदेही के खिलाफ सबूतों से सम्बंधित हैं जिसकी इस मामले में भूमिका की जांच की जा रही है।
प्रारंभिक जांच जनवरी 2015 में पूरी हुई जिसमें पाया गया है कि संदेही के खिलाफ केस को कमजोर करने के लिए ही जानबूझ कर ये दो पेन ड्राइव हटा ली गईं थी। इस जांच रिपोर्ट पर अभियोजन निदेशक के मत का इंतजार है। सीबीआई के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि अदालत की जानकारी में कतिपय आरोपों की आंतरिक जाँच की गई है। अरूण बोहरा को पिछले साल उनके गृह राज्य उड़ीसा वापस भेजा जा चुका है जहाँ वे क्राइम ब्रांच में आई जी सीआईडी हैं।