व्यापमं में सीएम को क्लीनचिट पर सियासी घमासान
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 नवंबर। व्यापमं घोटाले में सीबीआई द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान को क्लीनचिट दिए जाने का मुद्दा कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी घमासान का कारण बन गया। सीबीआई द्वारा विशेष अदालत में प्रस्तुत मामले की चार्जशीट में कहा गया है कि इस मामले में व्यापमं से जब्त की गई कंप्यूटर हार्ड डिस्क में कोई टेम्परिंग नहीं की गई थी। जबकि कांग्रेस इसी आरोप को लेकर अदालत में गई थी कि हार्डडिस्क में छेड़छाड़ करके सीएम का नाम हटा दिया गया था। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह इस मामले में वादी हैं। उनके साथ टेक्नीकल एक्सपर्ट प्रशांत पांडे भी हैं।
प्रशांत पांडे ने ही जांच में तकनीकी सहयोग करते हुए हार्डडिस्क को खोलने में जांच अफसरों की मदद की थी। उन्होंने उसका पूरा डाटा अपने पेन ड्राइव में कापी कर लिया था। उसी के आधार पर दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि पीएमटी में पास कराने की सिफारिश करने वालों में सीएम का भी नाम है। सीबीआई का दावा है कि उसके द्वारा कराई गई जांच में सीएम का नाम नहीं मिला। इस हार्ड डिस्क में एक्सल सीट मिली थी जिसमें सभी सिफारिशों के नाम लिखे थे। सीबीआई का कहना है कि पेनड्राइव वाले डाटा में टेंपरिंग करके सीएम का नाम एक एक्सल सीट में जोड़ा गया है। सीबीआई की चार्जशीट के बाद सियासी घमासान मचा है। भोपाल से लेकर दिल्ली तक सियासी नेता सक्रिय हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके सीबीआई के दावों को झूठ और शिवराज सिंह चौहान को बचाने की साजिश बताया। वहीं भोपाल में भाजपा के नेता और राज्य सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने रात में बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि कांग्रेस हताशा में झूठे आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया कि जिस लेपटाप में सारा डाटा कापी करने का दावा कांग्रेस कर रही है, वह लैपटाप माडल ही उस समय तक बाजार में नहीं आया था। दोनों ही पार्टियां एक दूसरे के खिलाफ कोर्ट में जाने की चुनौती दे रही हैं।
कांग्रेस के सांसद और देश के जाने माने वकील विवेक तनखा का कहना है कि सीबीआई द्वारा दी गई रिपोर्ट गलत है। कांग्रेस के पास हार्डडिस्क में छेड़छाड़ के जो भी साक्ष्य हैं, पार्टी उन्हें एक बार फिर से अदालत में रखेगी। व्यापमं मामले की सुनवाई करने वाली भोपाल में सीबीआई की विशेष अदालत में पार्टी एक प्राइवेट कम्पलेंट दायर करेगी। इसमें हार्डडिस्क में छेड़छाड़ और पेनड्राइव संबंधी समस्त साक्ष्यों को अदालत के सामने प्रस्तुत करेगी। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि सीबीआई व्यापमं मामले में बड़े आरोपियों को बचाने में लग गई है। घोटाले से जुड़ी मौतों के मामलों में क्लीनचिट देने का काम कर रही है। चार्जशीट में पंकज त्रिवेदी का नाम नहीं होने से सीबीआई की मंशा स्पष्ट हो गई है।
उन्होंने कहा कि त्रिवेदी जिस पोस्ट पर थे वह तकनीकी पोस्ट थी और इंजीनियरिंग डिग्री की योग्यता वाला ही इस पोस्ट पर बैठ सकता था। त्रिवेदी कॉमर्स की डिग्री वाले हैं। उनकी नियुक्ति ही नियम विरुद्ध थी। जब वे गिरफ्तार किए गए, तब उनके पास से एक करोड़ रुपए जब्त हुए थे और वे ढाई साल जेल में भी रहे। इसके बाद भी सीबीआई ने चार्जशीट में उनका नाम शामिल नहीं किया।
वहीं भाजपा के नेता और राज्य सरकार के प्रवक्ता जनसंपर्क मंत्री डा नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के नेताओं के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस को जब किसी जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है तो उसका कुछ नहीं हो सकता है। मिश्रा कि मुख्यमंत्री के मिली क्लीनचिट से साफ हो गया है कि सांच को आंच नहीं औऱ यही कांग्रेस को पसंद नहीं आ रहा है।