व्यापमं मामले में पूर्व नौकरशाहों पर कसेगा सीबीआई का शिकंजा
खरी खरी संवाददाता
भोपाल 24 अगस्त। सीबीआई का शिकंजा व्यापमं घोटाले में कसने जा रहा है। इस मामले में फंसे पूर्व आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों की भूमिका की जांच पूरी कर फाइल सबूतों के साथ दिल्ली भेज दी गई है। इसके चलते इन अफसरों से सीबीआई फिर पूछताछ कर सकती है। इन अफसरों में पूर्व आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन तथा आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे शामिल हैं।
बहुचर्चित व्यापम घोटाले में 1974 बैच की सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी और केसी जैन के खिलाफ सीबीआई का पुख्ता सबूत मिले हैं। आईपीएस आरके शिवहरे के खिलाफ भी सीबीआई को पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। सीबीआई ने इन सब की भूमिका पर कई सवाल खड़े किए हैं। सीबीआई ने इन तीनों अधिकारियों के खिलाफ सबूत एकत्रित कर फाइल दिल्ली भेज दी हैं। इसी प्रकार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सोनाली मिश्रा के भाई भरत मिश्रा के खिलाफ भी सीबीआई को कई सबूत मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि केसी जैन ने अपने बेटे और आरके शिवहरे ने अपनी बेटी को प्री परीक्षा में पास कराने के लिए लाखों रुपए का लेनदेन किया। वहीं रंजना चौधरी 2011 से 2013 के बीच व्यापम की चेयरमैन थीं। इसके बाद उन्हें हैदराबाद में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में जज नियुक्त किया गया ।
सूत्रों का कहना है कि सीबीआई के आरोप-पत्र के सारांश से पता चलता है कि इंजन-बोगी व्यवस्था के जरिये नकल कराने के लिए व्यापम के अधिकारियों ने पीएमटी 2012 के दौरान कई कपटपूर्ण निर्णय लिए। इनमें से एक था अन्य शहरों में होनेवाली परीक्षाओं का इंदौर और भोपाल में होनेवाली परीक्षाओं के साथ विलय कराना। इसके कारण परीक्षा केन्द्रों में भीड़ बढ़ गई जिससे रैकेटियर को पैसा देने वाले छात्रों को बड़े पैमाने पर नकल करने का मौका मिला। सूत्रों के मुताबिक व्यापम की जांच सीबीआई की कमान में आने से पहले 2 मई 2015 को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने व्यापम कार्यालय के अंदर चौधरी से पूछताछ की थी। एसटीएफ जांच की निगरानी कर रही एसआईटी ने चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की थी और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एसटीएफ को इसका पालन नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी। चौधरी उस तीन सदस्यीय टीम की भी प्रमुख थीं जिन्होंने मेडिकल प्री-पीजी 2012 परीक्षा के प्रश्नपत्रों को अंतिम रूप दिया था। टीम के अन्य दो सदस्यों में आईपीएस अधिकारी एम. नटराजन और रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आर. पी. शुक्ला शामिल थे। ज्ञात रहे सीबीआई ने व्यापम के चार पूर्व अधिकारियों समेत 592 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश किया था। एक अनुमान के मुताबिक व्यापम के पीएमटी-2012 घोटाले में 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि का लेनदेन हुआ था और 5000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं इससे प्रभावित हुए थे।