विधानसभा में सियासी बवालः कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी बजट सत्र के लिए निलंबित
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 2 मार्च। कांग्रेस के तेज तर्रार युवा विधायक जीतू पटवारी को विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। स्पीकर गिरीश गौतम ने सत्ता पक्ष द्वारा जीतू के निलंबन के लिए सदन में रखे गए प्रस्ताव के बाद यह फैसला सुनाया।
विधानसभा में गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान ही माहौल गर्मा रहा था। कांग्रेस सदस्य जीतू पटवारी की टिप्पणियों को सत्ता पक्ष ने आपत्तिजनक बताते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पटवारी के खिलाफ सत्ता पक्ष की तरफ बार-बार झूठ बोलने को लेकर निलंबन की कार्रवाई की मांग की गई थी। वहीं, अध्यक्ष की तरफ से की गई कार्रवाई से नाराज कांग्रेस सदस्यों ने सदन मे हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद सदन की कार्रवाई शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते तहुए पटवारी ने अपने भाषण में कहा था कि प्रदेश से बाघ, शेर, घड़ियाल बाहर गए। बदले में छिपकली, बंदर, तोते लिए गए। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से ऐतराज जताया गया। सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मित्रा ने कहा कि पटवारी पर बार-बार सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे पहले का मामला भी विशेषाधिकार समिति के पास है। मिश्रा ने पटवारी को बाकी सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। मिश्रा ने पटवारी को सदन के पटल पर तथ्य रखने की बात रखते हुए कहा कि बताए कब छिपकली लाई गई। इस पर पटवारी की तरफ से पटल पर जवाब रखते हुए कहा कि हमें विधानसभा के जवाब में जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस पर सत्तापक्ष जवाब और तथ्यों से संतुष्ट नहीं हुआ और अध्यक्ष से पटवारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद सदन में जमकर नोकझोंक हुई। पूरे मामले की बहस के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि जीतू पटवारी को निलंबित करना अलोकतांत्रित कदम है। विधानसभा अध्यक्ष को निलंबन पर पुनर्विचार करना चाहिए। एक तरफा निलंबन की कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं हैं।