लगभग तीस साल बाद मप्र की प्रशासनिक कमान महिला अफसर को मिली
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 30 नवंबर। करीब तीस साल बाद मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य की प्रशासनिक कमान महिला अफसर को सौंपी गई है। वर्ष 1988 बैच की आईएएस अफसर और मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष वीरा राणा मध्यप्रदेश की नई चीफ सेकेट्री बनाई गई हैं। उन्होंने लंबा कार्यकाल बिताने के बाद विदा हुए इकबाल सिंह बैंस का स्थान लिया है। मंत्रालय में हुई शिवराज सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में वीरा राणा का सबसे औपचारिक परिचय कराया गया। इसी बैठक में निवृत्तमान सीएस इकबाल सिंह बैंस को विदाई दी गई।
वीरा राणा मध्य प्रदेश की दूसरी महिला सीएस होंगी। इससे पहले निर्मला बुच 1991 से 1993 तक इस जिम्मेदारी को संभाल चुकी हैं। मप्र के इतिहास में वे दूसरी महिला चीफ सेकेट्री हैं। वीरा राणा का रिटायरमेंट मार्च 2024 में है। तीन दिसंबर को विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद तय होगा कि वीरा राणा पूर्ण कालिक सीएस बनती हैं या फिर प्रभारी सीएस के रूप में ही पदमुक्त हो जाएंगी। उन्हें पूर्णकालिक सीएस बनाने का फैसला नई सरकार करेगी। वीरा राणा का जन्म 26 मार्च 1964 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। बैचलर ऑफ आर्ट्स और एमबीए की डिग्री उनके पास है। वीरा राणा को मध्य प्रदेश के कठोर प्रशासनिक अफसरों में गिना जाता है।वीरा राणा मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी, खेल और युवा कल्याण विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, प्रशासन अकादमी में महानिदेशक, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। वे मध्य प्रदेश के दो जिलों विदिशा और जबलपुर की कलेक्टर रह चुकी हैं। उन्हें साल 2018 के जुलाई महीने में मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन का प्रमुख सचिव नियुक्त किया गया था। करीब एक महीने बाद राज्यपाल से उनकी पटरी नहीं बैठी। इस वजह से अगस्त 2018 से राणा ने ऑफिस आना ही छोड़ दिया था। ऐसा माना जाता है कि राणा और राज्यपाल के बीच किसी मामले में पटरी नहीं बैठी थी। बाद में उन्हें दूसरी जगह पदस्थ किया गया था। इससे वीरा राणा की कार्यप्रणाली का अंदाज लगाया जा सकता है।