लंबी प्रतीक्षा के बाद भाजपा सरकार का हिस्सा बने कांग्रेसी विधायक रावत

Jul 08, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 7 जुलाई। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत को बीजेपी ने आखिरकार कैबिनेट मंत्री के रूप में सरकार में शामिल कर लिया। सोमवार की सुबह राजभवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने रावत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाकर मोहन सरकार 31वां मंत्री बना दिया। शपथ में गलती के कारण उन्हें 15 मिनट सबाद ही दोबारा शपथ दिलाई गई।दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री रहे रामनिवास रावत पिछले काफी समय से कांग्रेस में हासिए पर कर दिए जाने से नाराज चल रहे थे।

कमलनाथ के प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने पर रावत का  सियासी कद देखते हुए उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन पार्टी सरकार में आ गई तो रावत को कैबिनेट में नही लिया गया। वरिष्ठ नेता और 6 बार का विधायक होने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनके नाम पर विचार नही किया गया। इससे नाराज रावत ने पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी और पार्टी नेतृत्व की अनदेखी के चलते हासिए पर हो गए। भाजपा ने उनकी नाराजगी को भुनाने की कई बार कोशिश की लेकिन पार्टी को सफलता इस बार के लोकसभा चुनाव के दौरान मिली, जब रावत ने कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी में जाने का ऐलान करते हुए भाजपा नेताओं के साथ चुनावी मंच साझा करना शुरू कर दिया। लोकसभा चुनाव के बाद भी उन्होंने न तो कांग्रेस पार्टी और न ही विधायक पद से इस्तीफा दिया और न ही बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता की रस्म निभाई। इस पर कांग्रेस लगातार आपत्ति दर्ज करा रही थी। अंततः बीजेपी ने उन्हें सरकार में शामिल करके कांग्रेस से उनका रिश्ता खत्म कर दिया।

रावत को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेनी थी लेकिन उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने सुबह शपथ समारोह में राज्य के मंत्री के बजाय कह दिया कि - "मैं मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा।" इससे गफलत हुई कि वह राज्यमंत्री बनाए गए हैं। हालांकि, बाद में स्पष्ट हुआ कि वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। उन्हें आधे घंटे में दोबारा शपथ लेनी पड़ी, तब जाकर शपथ प्रक्रिया पूरी हुई। राज्यपाल ने पहली बार मंच से शपथ दिलाई तो दूसरी बार शपथ राजभनवन के सभाकक्ष में हो गई।विजयपुर सीट से विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में आमद दी थी। इससे ग्वालियर-चंबल अंचल में भाजपा की स्थिति मजबूत हुई है। रावत के कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफे को लेकर देर शाम तक गफलत की स्थिति बनी रही। रावत को छह महीने के भीतर विधायक बनना होगा, वरना उनका मंत्री पद स्वतः ही खत्म हो जाएगा। कैबिनेट विस्तार के बाद मध्य प्रदेश में कुल मंत्रियों की संख्या 31 हो गई है। यह शपथ समारोह अमरवाड़ा विधानसभा सीट के उपचुनाव में वोटिंग से कुछ घंटों पहले आयोजित कर बीजेपी के रणनीतिकारों ने बड़ा संदेश दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मंत्रिमंडल में एक नए सदस्य का आगमन हुआ है। कैबिनेट मंत्री के नाते रामनिवास रावत के अनुभव का लाभ मिलेगा। उनके अनुभव का सरकार और क्षेत्र की जनता को लाभ मिलेगा। पिछड़े और विकास की संभावनाओं वाले क्षेत्र से प्रतिनिधित्व मिल रहा है। 

छह बार के विधायक रामनिवास रावत को मंत्री बनाने से भाजपा ग्वालियर-चंबल में मजबूत होगी। रावत ओबीसी समुदाय का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। मंत्री बनने से रावत का स्वाभाविक रूप से कद बढ़ेगा। कांग्रेस के तेजतर्रार नेताओं में उनकी गिनती होती है। इसका फायदा भाजपा को पूरे अंचल में मिलेगा। रावत ने 30 अप्रैल को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली थी। रविवार को रावत ने भागवत कथा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया था। इस बीच शाम को उन्हें भोपाल बुलाया गया।  

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