राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महाकाल के दर पर माथा टेका और झाड़ू लगाई
खरी खरी संवाददाता
उज्जैन, 19 सितंबर। मध्यप्रदेश के दो दिवसीय प्रवास पर इंदौर-उज्जैन आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूसरे दिन गुरुवार को बाबा महाकाल के दरबार में माथा टेका। गर्भगृह में पूजा अर्चना के बाद राष्ट्रपति ने महाकाल लोक का अवलोकन भी किया तथा मूर्ति शिल्पकारों से भी बात की। राष्ट्रपति ने स्वच्छता पखवाड़े के तहत मंदिर परिसर में श्रमदान भी किया।
राष्ट्रपति मुर्मु सुबह 10 बजे उज्जैन पहुंचीं। उन्होंने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के गर्भगृह में दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। उनके स्वागत में झांझ-डमरू बजाए गए और पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया था। राष्ट्रपति मुर्मु का स्वागत महाकाल लोक के नंदी द्वार पर स्वस्ति वाचन और शंख वादन से हुआ। इसके बाद उन्होंने गर्भगृह में जाकर दर्शन-पूजन किया। उन्होंने मंदिर परिसर में स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के तहत श्रमदान भी किया। महाकाल लोक देखने के बाद, राष्ट्रपति मुर्मु ने त्रिवेणी सभा-मंडपम में मूर्ति बनाने वाले शिल्पकारों से बातचीत की। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने अपने भाषण में कहा कि महामहिम का उज्जैन आना हमारे लिए गौरव की बात है। राष्ट्रपति मुर्मु को सीएम मोहन यादव ने मध्यप्रदेश यात्रा की स्मृति में महाकाल लोक का प्रतीक चिन्ह भेंट दिया। उनके स्वागत के लिए मंदिर को खास तौर पर सजाया गया था। प्रवेश द्वार से लेकर महाकाल लोक तक, हर जगह फूलों की सजावट की गई थी। महाकाल लोक में लोकनृत्य दल ने भी प्रस्तुति दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उज्जैन के दौरे पर आने और महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति बन गईं। इस खास मौके पर उज्जैन को भव्य रूप से सजाया गया था। राष्ट्रपति मुर्मु ने स्वच्छताकर्मियों को भी सम्मानित किया और इंदौर की स्वच्छता की प्रशंसा की। राष्ट्रपति मुर्मु ने स्वच्छताकर्मियों के काम की सराहना की और कहा कि मैं सभी देशवासियों की ओर से स्वच्छता मित्रों को धन्यवाद देती हूं। आपकी ही वजह से यह स्वच्छता अभियान व्यापक हुआ है। उन्होंने इंदौर की स्वच्छता की भी तारीफ की।