राखी शगुन के बाद अब लाड़ली बहनों को सस्ता सिलेंडर देने की तैयारी

Jul 29, 2024

खरीखरी संवाददाता

भोपाल, 29 जुलाई। बीजेपी को इस बार सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाने वाली लाड़ली बहना योजना पर मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार जमकर मेहरबान है। योजना की हितग्राही महिलाओं को समय पर किश्त देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने और इस बार राखी पर 250 रुपए का अतिरिक्त शगुन देने के बाद अब सरकार लाड़ली बहनों को रसोई गैस सिलेंडर 450 रुपए में देने की योजना को भी अमली जामा पहनाने जा रही है। इस पर मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है।

विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों को 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। इसमें उज्जवला योजना की हितग्राही भी शामिल थीं, क्योंकि ये सभी लाड़ली बहना योजना में शामिल हैं। इस घोषणा को अमली जामा पहनाने में दिक्कत बनी रही क्योंकि गैस सिलेंड़र के कनेक्शन अधिकांश घरों में महिलाओं के नाम पर नहीं थे। इसलिए योजना मे उज्जवला कनेक्शनधारी महिलाओं को भी इस तर्क के साथ शामिल किया गया कि वे भी लाड़ली बहना योजना की हितग्राही हैं। प्रशासन तंत्र यह स्पष्ट नहीं कर पाया कि योजना कितने समय के लिए है। इसलिए बहुत जल्द यह योजना खटाई में पड़ गई। अब सत्तारूढ़ मोहन यादव सरकार पार्टी की उस चुनावी घोषणा पर भी अमल करने जा रही है। लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों को रसोई गैस का सिलेंडर 450 रुपए में दिए जाने की योजना निरंतर जारी रह सकती है। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश संबंधित अधिकारियॆं को दिए हैं। यह प्रस्ताव संभवतः मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कैबिनेट में रखे जाने वाले प्रस्ताव में बजट प्रावधान भी जोड़ा जाएगा।

इससे पहले सीएम रक्षाबंधन पर लाड़ली बहनों को 250 रुपए अतिरिक्त देनें की घोषणा कर चुके हैं। लाड़ली बहना योजना में शामिल महिलाओं को हर माह मिलने वाले 1250 रुपये में 250 रुपये जोड़ा जाएगा। 250 रुपए अतिरिक्त आने से अबकी बार महिलाओं के खाते में 1500 रुपए आएगा। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें बीमित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं अथवा सहायिका की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर दो लाख रुपये के बीमा का प्रविधान है।

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