युवा कंधों ने सम्हाली कला को जिंदा रखने की कमान

May 07, 2018

सुमन त्रिपाठी
भोपाल। रंगमंच की नर्सरी कहे जाने वाले झीलों के शहर भोपाल के हिस्से में कई बड़ी शख्सियतों की मौजूदगी रही है। शहर, प्रदेश से लेकर देशभर और विश्व रंगमंच तक इस शहर के कलाकार औऱ कला जानी, पहचानी और पसंद की जाती है। उस्ताद कलाकारों से मिली विरासत को नव पीढ़ी भी बदस्तूर आगे बढ़ा रही है।
मॉडलिंग से लेकर टीवी और इससे रास्ता बनाते हुए सुनहरे पर्दे की दुनिया में पहुँचने का ख्वाब हर कलाकार के मन में होता है। लेकिन रंगमंच की धीमी, धैर्यभरी और थोड़ी मुश्किल डगर पर चल पाना कम से कम आज की तत्काल परिणाम की चाह रखने वाली पीढ़ी के लिए इम्तिहान लेने जैसी ही कही जा सकती है। लेकिन राजधानी के कलापर्यावरण ने अब भी युवाओं को इसके मोहपाश से बाहर नहीं जाने दिया है।
मौजूदा पीढ़ी की दौड़ मुंबई तक
फिल्मकार प्रकाश झा के लगातार भोपाल की तरफ नजर रखने का नतीजा है कि यहाँ के कलाकारों की मुंबई पहुंच आसान हुई है। राजीव सिंह, तनवीर अहमद, इरफान सौरभ, आबिद रहमान काज़मी, सरफ़राज़ हसन रंगमंच से लेकर टीवी धारावाहिक और फिल्मों तक मे अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुके हैं। सिलसिला फिलहाल जारी है। पिछले परिदृश्य पर नज़र डाली जाए तो मशहूर खलनायक रज़ा मुराद से लेकर मर्डर बॉय शावर अली तक अपने जलवो के साथ मुंबई फ़िल्म दुनिया में मौजूद हैं। 
अब ये बढ़ा रहे कदम
उस्ताद कलाकार हबीब तनवीर के शागिर्दों के कई कला ग्रुप राजधानी में सक्रिय हैं। इन्हीं में से एक ग्रुप से जुड़े हैं दीपिक कुमार, अदनान खान, अभिषेक। छोटे और कम कार्यकाल में इस तिकड़ी ने भारत भवन, शहीद भवन, राज्य संग्रहालय के मंचों से अपनी कला के दर्शन कराए हैं। बेहतर प्रतिसाद इन्हें कानपुर, छतरपुर, दमोह, धार सहित प्रदेश भर के शहरों तक भी ले गया। दीपक एक निजी कम्पनी के कर्मचारी हैं और मंच के शौक के लिए काम से समय निकलना उनकी आदत में शामिल हो चुका है। अदनान ऒर अभिषेक अपनी पढ़ाई के मसरूफ शेड्यूल से कला पिपासा को पूरा करने की मशक्कत कर रहे हैं। इस नव पोषित तिकड़ी को उस्ताद कलाकारों का स्नेह, मारगदर्शन और भरपूर आशीर्वाद हासिल होता है। यही वजह है कि वे पूरी लगन और मेहनत से काम को पूरा करने में मशगूल हैं। भावी योजनाओं पर इनका कहना है कि पहले खुद में परफेक्शन लाने की मेहनत है फिलहाल। अपने काम से खुद मुतमइन होने की कोशिश कर रहे हैं। जब हम खुद को सन्तुष्ट करने के लायक हो जाएंगे, तभी किसी से वाहवाही लेने के काबिल बन पाएंगे।

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