मोदी ने मंडला से किया आदिवासियों को लुभाने का आगाज

Apr 24, 2018

खरी खरी संवाददाता

मंडला, 24 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आदिवासी बाहुल्य जिले मंडला से देश के आदिवासियों के कल्याण और विकास के लिए तैयार की गई पहली पंचवर्षीय योजना का आगाज किया। इस योजना के तहत पांच साल में अकेले मध्यप्रदेश में आदिवासियों के कल्याण पर करीब दो लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने गांव के विकास का मंत्र दिया और कहा कि जन-धन, वन-धन और गोबर-धन से ही गांवों का विकास हो सकता है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर आदिवासी विकास योजना, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वरोजगार योजना का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शिरकत कर रहे प्रधानमंत्री ने मंडला के मनेरी में 120 करोड़ की लागत से एलपीजी बॉटलिंग प्लांट का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री ने अमरावती और शहडोल की सरपंच को सम्मानित किया। देशभर के 900 से ज्यादा पंचायतों के प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हुए। स्थानीय गोंडी बोली में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांवों के विकास के लिए जरूरी है कि यहां के बच्चों को हर हाल में शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम सभी को गांवों के विकास का मंत्र लेना होगा, तभी गांवों का विकास होगा और देश का विकास होगा।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस साल के अंत तक प्रदेश के लगभग सभी गावों में बिजली पहुंच जाएगी। उन्होंने देश की महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ मध्यप्रदेश से करने पर प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया।

मध्यप्रदेश की 47 विधानसभा सीटें आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं और करीब 30 अन्य सीटों पर आदिवासी मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसी तरह लोकसभा की 6 सीटों इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं और 4 अन्य सीटों पर आदिवासी वोटर गेम चेंजर की भूमिका में हैं। मप्र में आदिवासी मतदाता लंबे समय तक कांग्रेस के साथ रहा है। भाजपा कई सालों की मेहनत के बाद इसे अपने पक्ष में कर पाई है। इसके चलते पार्टी ने विधानसभा की 47 आदिवासी सीटों में से 32 पर और लोकसभा की 6 सीटों में से 5 पर कब्जा कर लिया है। लेकिन यह वोट बैंक अब दरक रहा है और इसका असर पार्टी को झाबुआ के लोकसभा और कोलारस तथा मुंगवाली के  विधानसभा उपचुनाव में देखने को मिल चुका है। इसलिए अब विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनावों के मद्देनजर आदिवासियों को लुभाना भाजपा की मजबूरी बन गया है। इसीलिए आदिवासियों के लिए पहली बार तैयार की गई पंचवर्षीय योजना का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी ने मंडला जैसे आदिवासी अंचल से किया गया। देश की करीब ढाई लाख पंचायतों में दूरदर्शन के जरिए इसका सीधा प्रसारण किया गया। आदिवासियों को लुभाने के लिए सीएम और पीएम के भाषणों में पर्याप्त मसाला था।

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