मेहमान ही रहेंगे 70 हजार अतिथि शिक्षक, सरकार नियमितीकरण नहीं करेगी

Sep 26, 2024

खरी खरी संवाददाता

भोपाल, 26 सितंबर। मध्यप्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था का बड़ा हिस्सा बन गए लगभग 70 हजार अतिथि शिक्षक विभाग में मेहमान ही रहेंगे, उनका नियमितीकरण नहीं किया जाएगा। लोकशिक्षण संचालनालय ने आदेश जारी किए हैं। नियमितीकरण की मांग कर रहे अतिथि शिक्षकों की याचिका पर हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग से इस मामले में कोई निर्णय करने का आदेश दिया था। विभाग ने हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए अतिथि शिक्षकों को नियमित नहीं करने का अंतिम फैसला सुना दिया।

मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों मे हजारों की संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। सरकार करीब 70 हजार अतिथि शिक्षकों से काम चला रही है। सालों से अध्यापन कर रहे अतिथि शिक्षक पद खाली होने के चलते उन्हें नियमित करने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर वो भोपाल सहित अन्य जगहो पर आंदोलन भी कर चुके हैं। कई अतिथि शिक्षक अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। उनका कहना था कि वे शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं तथा डीएड-बीएड भी हैं। तीन वर्ष से लेकर 15 वर्षों तक पढ़ाने का अनुभव है। अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को नियमित किया गया है। इस आधार पर मप्र में भी नियमित किया जाए। हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसी क्रम  में स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमितकरण नहीं करने का फैसला सुना दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कुछ दिन पहले कहा था कि अतिथि शिक्षक मेहमान हैं तो मेहमान बनकर ही रहें, उन्हें घर मालिक नहीं बना दिया जाएगा। सरकार ने तय किया है कि अतिथि शिक्षकों को सिर्फ सीधी भर्ती में 25 फीसद का आरक्षण दिया जाएगा।

हाईकोर्ट के निर्देशों के पालन में डीपीआई ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम 2018 एवं संशोधित नियम 1 दिसंबर 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा के उपरांत शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है। इसमें 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षक वर्ग के लिए आरक्षित की जाएंगी। इसमें जिन उम्मीदवारों ने न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों और 200 दिन प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्य किया है। उन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त रहे पदों की अन्य पात्रताधारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।

 

 

 

 

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