मीटिंग, चर्चा, चिंता के बाद भी नहीं चुना नेता प्रतिपक्ष
भोपाल, 20 फरवरी। एक बार फिर कांग्रेस विधानसभा में कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष के साथ ही सरकार का मुकाबला करेगी। विधानसभा सत्र के एक दिन पहले भी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं कर पाई। बजट सत्र के एक दिन पहले कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए पार्टी विधायकों के साथ पीसीसी में बैठे, मीटिंग की, चर्चा की, चिंता जाहिर हुई लेकिन किसी का चुनाव नहीं हो पाया। नेता प्रतिपक्ष चयन के लिए हाईकमान की ओर से पर्यवेक्षक बनकर अजय माकन ने कह दिया कि सब तय हो गया है लेकिन फैसला हाईकमान करेगा।
नेता प्रतिपक्ष रहे स्वर्गीय सत्यदेव कटारे निधन के पहले बीमारी के चलते कई सत्रों से विधानसभा नहीं जा पा रहे थे। कार्यवाहक नेता प्रतिपक्ष के रूप में बाला बच्चन ही मोर्चा संभाल रहे थे। कटारे के निधन के बाद बाला बच्चन सहित कई अन्य विधायक भी नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शामिल हो गए। सभी को उम्मीद थी कि विधानसभा के बजट सत्र के पहले नेता प्रतिपक्ष की घोषणा हो जाएगी। सत्र के एक दिन पहले जब विधायकदल की बैठक बुलाई गई और केंद्रीय पर्यवेक्षक भी आ गए तो उम्मीद भरोसे में बदल गई। लेकिन हुआ वही जो कांग्रेस की आम बैठकों में होता है। अंततः फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया गया। नेता प्रतिपक्ष बनने की उम्मीद संजोए नेताओं का दिल दुखी तो हुआ लेकिन हाईकमान का नाम से आने से कोई चूं नहीं कर पाया। अब तर्क दिया जा रहा है कि कांग्रेस का सारा ध्यान 22 फरवरी को विधानसभा पर प्रस्तावित जंगी प्रदर्शन पर है। इस प्रदर्शन को कांग्रेस अपने लिए मील का पत्थर मानकर चल रही है। अगर यह प्रदर्शन सफल होता है तो यह मान लिया जाएगा कि अगले चुनाव में फतह तय है। अगर नहीं होता है तो कई नेताओं के पर कतर दिए जाएंगे। यह माना जा रहा है कि अगर कार्यक्रम ठीक-ठाक नहीं रहा तो पीसीसी अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम अहम पदों पर हाईकमान बदलाव कर देगा।