माइनिंग कांक्लेव का समापन, दो दिन के मंथन में निकला अमृत
खरी खरी संवाददाता
भोपाल, 18 अक्टूबर। राजधानी के कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में में दो दिन से चल रही माइनिंग कांक्लेव का शुक्रवार को समापन हो गया। कांक्लेव के समापन सत्र में शामिल हुए मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि मंथन से निकले अमृत से प्रदेश की खनिज संपदा को और समृद्ध किया जाएगा।
कॉन्क्लेव में खनिज अन्वेषण, खनिज प्रसंस्करण, नवीन तकनीकों का उपयोग और पर्यावरण सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इसके अलावा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित डिजिटलीकरण पर भी विचार किया गया। समापन सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज क्षेत्र में नीतिगत सुधारों को लागू करने के लिए इस प्रकार की संगोष्ठियों का आयोजन जरूरी है। मुख्यमंत्री भोपाल में आयोजित दो दिवसीय खनन कॉन्क्लेव के परिणाम ऐतिहासिक साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव में आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर हुई चर्चाओं से निकलने वाले निष्कर्ष भावी रणनीति के निर्माण की नींव रखेंगे, जो न केवल मध्यप्रदेश बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी मील का पत्थर साबित होंगे। मध्यप्रदेश को प्रचुर खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य बताया गया, जिसमें देश का एकमात्र हीरा उत्पादन क्षेत्र और मलाजखंड का विशाल तांबा खनन क्षेत्र शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की भौगोलिक स्थिति निवेशकों के लिए सुगम है और कॉन्क्लेव के माध्यम से प्रदेश के खनन क्षेत्र को गति मिलेगी, जिससे देश की समृद्धि में भी योगदान होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही यह गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। निश्चित ही यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य पाया गया कि उसे गर्भगृह में स्थान मिला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अनुपम चतुर्वेदी और किशोर ने इस पत्थर का नमूना भेंट किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश खनिजों के मामले में भी अद्वितीय है। भारत की वसुंधरा में मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ रत्न-गर्भा भी है। पन्ना में हीरों का भंडार प्रदेश को अलग पहचान देता है। अब हीरों के साथ सोना भी प्रदेश की धरती से निकलेगा। अन्य खनिजों के खनन के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।
सीमेंट सेक्टर में 20,000 करोड़ का निवेश
खनन विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला ने जानकारी दी कि आने वाले समय में प्रदेश में सीमेंट सेक्टर में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अगले 4 से 5 साल में यह निवेश संभव है। इस कॉन्क्लेव में मिले सुझावों को राज्य की प्रस्तावित खनिज नीति में शामिल किया जाएगा और अनुमोदन के बाद इन्हें लागू किया जाएगा। यह कॉन्क्लेव प्रदेश के खनिज क्षेत्र को मजबूत बनाने और निवेश को आकर्षित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।